राज्य सरकार से जवाब तलब

ग्रेच्युटी से अनुचित कटौती तथा उपार्जित अवकाश के बदले वेतन को अनुचित रूप से रोकने तथा राज्य सरकार के आदेश  दिनांक 5 अप्रैल 2007 के अनुसार वेतन का पे फिक्सेशन

जयपुर,ग्रेच्युटी से अनुचित कटौती तथा उपार्जित अवकाश के बदले वेतन को अनुचित रूप से रोकने तथा राज्य सरकार के आदेश  दिनांक 5 अप्रैल 2007 के अनुसार वेतन का पे फिक्सेशन करने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के पश्चात राजस्थान उच्च न्यायालय की एकल पीठ के न्यायाधीश श्री अनूप कुमार        ने  राज्य सरकार,निदेशक माध्यमिक शिक्षा ,प्रबंध समिति श्री महिला विद्यापीठ भुसावर, राजस्थान तथा जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय माध्यमिक शिक्षा भरतपुर से जवाब तलब किया है उल्लेखनीय की हरिश्चंद्र दीक्षित की नियुक्ति  उक्त अनुदानित संस्थान में हुई थी तथा प्रार्थी को राज्य सरकार में 2011 में समायोजित कर लिया परंतु प्रार्थी को राज्य सरकार में अर्जित उपार्जित अवकाश का वेतन इसलिए नहीं दिया कि प्रार्थी को ने 300 से अधिक उपार्जित अवकाश अनुदानित संस्था में अर्जित कर लिए थे प्रार्थी के अधिवक्ता डीपी शर्मा का तर्क था कि राजस्थान वॉलंटरी और एजुकेशन सर्विस रूल्स 2010 के तहत अनुदानित संस्थानों में अर्जित उपार्जित अवकाश को जोड़ने से रोका गया था इसलिए प्रार्थी राज्य सरकार में अर्जित उपार्जित  अवकाश प्राप्त करने का अधिकारी है इसी प्रकार ग्रेच्युटी हेतुअधिकतम सीमा 33 वर्ष की अवधि समायोजित कर्मचारियों पर लागू नहीं होती है क्योंकि उक्त नियमों के तहत ग्रेच्युटी के लिए अनुदानित संस्था में की गई सेवा को जोड़ने से रोका गया है प्रार्थी की अधिवक्ता का यह भी तर्क था किआदेश दिनांक 5 अप्रैल 2007 को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा अवमानना कारक माना गया है तथा वापस लेने का आदेश दिया गया है ऐसे मेंउक्त आदेश के तहत वेतन निर्धारित करना माननीय उच्च न्यायालय की अवमानना कारक है अतः प्रार्थी नियुक्ति तिथि से गणना कर चयनित वेतनमान प्राप्त करने का अधिकारी है मामले की सुनवाई के पश्चात उक्त आदेश पारित किया गया

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