जयपुर, जून, 2025 — कश्मीरी विस्थापित हिंदू समिति, जयपुर द्वारा आयोजित एक आध्यात्मिक रूप से समृद्ध दो दिवसीय हवन समारोह 2 जून को आरंभ हुआ और 3 जून को पूर्ण आहुति के साथ सम्पन्न हुआ। इस आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और समुदाय के सदस्यों ने भाग लिया, जो आस्था, संस्कृति और एकता का गहन उत्सव बना।
समारोह में पारंपरिक वैदिक अनुष्ठान और सामूहिक प्रार्थनाएँ की गईं, जिनमें सभी के लिए शांति, समृद्धि और कल्याण की कामना की गई। इस वर्ष की एक प्रमुख विशेषता कश्मीरी सांस्कृतिक मंडली की प्रस्तुति रही, जिनके भावपूर्ण भजन और पारंपरिक गीतों ने कश्मीर की समृद्ध आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को सुंदरता से प्रस्तुत किया। उनकी उपस्थिति ने पूरे आयोजन को जीवंत और भावनात्मक रूप से गहराई प्रदान की।
समारोह के एक हिस्से के रूप में एक चिकित्सा शिविर भी आयोजित किया गया, जिसमें क्षारीय (alkaline) जल के महत्व और उसके स्वास्थ्य लाभों की जानकारी दी गई।
आयोजकों और समुदाय के नेताओं ने सभी प्रतिभागियों और सहयोगियों के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त की। एक आयोजक ने कहा, “यह हवन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है — यह हमारी जड़ों, मूल्यों और सामूहिक शक्ति की पुनः पुष्टि है। सांस्कृतिक मंडली की प्रस्तुति ने हमें हमारी गौरवशाली विरासत की याद दिलाई।”
हालाँकि, हाल ही में पहलगाम नरसंहार में निर्दोष लोगों की दुखद हत्या ने उत्सव की आभा को कुछ म्लान कर दिया। हवन के दौरान उन शहीदों की आत्मा की शांति के लिए विशेष प्रार्थनाएँ की गईं, जिससे समुदाय का साझा दुख और संकल्प प्रकट हुआ।
समारोह का समापन पूर्ण आहुति के साथ हुआ, जिसके बाद प्रसाद और सामूहिक भंडारे का आयोजन किया गया — जिसने एकता, भक्ति और सेवा की भावना को और भी मजबूत किया।