स्वाइन फ्लू को लेकर मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार को चिन्ता से अवगत कराया

gehlot3जयपुर। मुख्यमंत्री  अशोक गहलोत ने प्रदेश में स्वाइन फ्लू बीमारी के प्रकोप को देखते हुए अपने दिल्ली प्रवास के दौरान केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्राी श्री गुलाम नबी आजाद सहित स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर उन्हें अपनी चिन्ता से अवगत कराया।
गहलोत के आग्रह पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से वरिष्ठ चिकित्सकों का पांच सदस्यीय दल आज रात तक जयपुर पहुंच जायेगा। यह दल जयपुर सहित जोधपुर एवं बीकानेर संभाग में स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए राज्य सरकार की ओर से उठाये गये कदमों की समीक्षा करेगा तथा अन्य व्यवस्थाएं करने के संबंध में सुझाव देगा।
केन्द्रीय दल में निश्चेतन विभाग, सफदरजंग हॉस्पिटल, नई दिल्ली के सलाहकार डॉ. पी.के.वर्मा, राममनोहर लोहिया हॉस्पिटल के डॉ. भवानी सिंह, एन.सी.डी.सी. दिल्ली के अतिरिक्त निदेशक एवं विभागाध्यक्ष (संक्रामक रोग) डॉ. अनिल कुमार, माइक्रो बायोलोजिस्ट एनसी.डी.सी. दिल्ली के डॉ. आर.पी.तिवाड़ी और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् के एक सदस्य शामिल होंगे।
मुख्यमंत्राी ने इस संबंध में केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री केशव देशीराजू तथा संयुक्त सचिव श्री अंशू प्रकाश से चर्चा कर स्वाइन फ्लू की स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी। श्री गहलोत ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि स्वाइन फ्लू से घबरायें नहीं। इसमें लापरवाही घातक हो सकती है। खांसी, बुखार, जुकाम एवं श्वास लेने में तकलीफ के लक्षण होने पर तुरन्त ही डाक्टर को दिखायें। आप स्वयं एवं परिवारजन सजग रहें तथा अन्य साथियों को भी इसके बचाव व उपचार के लिए समझायें। मुख्यमंत्राी ने कहा कि आपकी जागरूकता से स्वाइन फ्लू के प्रकोप से निजात मिल सकती है। मुख्यमंत्राी ने उक्त लक्षण दिखाई देने पर शुरुआत में ही निकटतम अस्पताल में सम्पर्क करने की अपील की है और कहा कि ऐसा करने में परेशानी की कोई बात नहीं हैं।
उल्लेखनीय है कि श्री गहलोत ने कुछ दिन पूर्व ही प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक में प्रदेश में स्वाइन फ्लू के प्रकोप को देखते हुए एहतियाती उपाय करने के निर्देश दिये थे। मुख्यमंत्राी के निर्देशानुसार प्रदेश में स्वाइन फ्लू के प्रति जागरूकता के लिए व्यापक एवं सघन प्रचार-प्रसार करने के साथ ही चिकित्सा दलों द्वारा घर-घर जाकर सैम्पल लेने की कार्रवाई की जा रही है। सभी जिलों से सैम्पल मंगवाने के लिए वी.टी.एस. उपलब्ध करा दिये गये हैं। यही नहीं स्कूलों में मीजल्स टीकाकरण कार्यक्रम के तहत एक करोड़ 16 लाख बच्चों का टीकाकरण करने के दौरान स्वाइन फ्लू की स्क्रीनिंग भी की जा रही है। इसके साथ ही गर्भ धारण परीक्षण के दौरान महिलाओं की जांच के समय भी स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने हर जिले में सैम्पल एकत्र करने की व्यवस्था सुनिश्चित की है तथा सैम्पल जांच कर तत्काल परिणाम के आधार पर इलाज की व्यवस्थाएं की गई हैें। प्रदेश के किसी भी जिले में स्वाइन फ्लू रोधी दवाइयों की कमी नहीं है तथा जांच दल के पास पर्याप्त संख्या में किट मौजूद हैं।  मुख्यमंत्राी के ही निर्देश पर प्रदेश में स्वाइन फ्लू से संबंधित वायरस सैम्पल को जांच के
लिये नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ वायरोलोजी भिजवाया जा रहा है जिससे यह पता चल सकेगा कि
क्षेत्रा विशेष में इसका कितना प्रभाव शेष रह गया है।
स्वाइन फ्लू से प्रभावित क्षेत्रों जोधपुर, बीकानेर, बाड़मेर एवं चूरु में जिला कलेक्टरों ने विशेष टीमें गठित कर घर-घर सर्वे करवाया है तथा यह कार्य बदस्तूर जारी है। स्वाइन फ्लू के लक्षण पाये जाने पर रोगियों के रिश्तेदारों एवं आस-पास के क्षेत्रा के लोगों को समुचित मात्रा में दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
प्रदेश में एक अप्रेल,2012 से 16 फरवरी,2013 तक 3 हजार 105 सेम्पल लिये गये जिनमें से 2 हजार 287 नेगेटिव पाये गये। स्वाइन फ्लू से विभिन्न जिलों में इस अवधि में 148 लोगों की मृत्यु हुई है। अजमेर में ग्यारह, नागौर में सात, बीकानेर में चौदह, चूरु मेंआठ, श्रीगंगानगर में तीन, हनुमानगढ़ में तीन, जयपुर में बीस, अलवर एवं दौसा में एक-एक, सीकर में छह, झुंझुनूं में दो, जोधपुर में छब्बीस, पाली में पांच, बाड़मेर में तेरह, कोटा में आठ, बारां एवं बूंदी में दो-दो, उदयपुर में सात तथा चित्तौड़गढ़ जिले में एक व्यक्ति की स्वाइन फ्लू से मृत्यु होने की सूचना है।

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