राज्य में पशु नस्ल सुधार की व्यापक संभावनाएं- गहलोत

gehlot1जयपुर। मुख्यमंत्री  अशोक गहलोत ने राज्य मंे पशु नस्ल सुधार की व्यापक संभावनाओं को देखते हुए नस्ल सुधार कार्यक्रम को बडे़ रूप में हाथ में लेने की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में लगभग 6 करोड़ पशुधन है और आने वाले समय में प्रदेश में इससे अच्छे दुधारू नस्ल के पशुओं की संख्या में वृद्धि होगी।  मुख्यमंत्री मंगलवार को ओटीएस में दुधारू पशुओं की दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि, संभावनाएं एवं चुनौतियां विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तर की तकनीकी सेमीनार का शुभारम्भ कर रहे थे। इसका आयोजन राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड एवं पशुपालन विभाग द्वारा किया जा रहा है।
गहलोत ने कहा कि सरकार के साथ-साथ गैर सरकारी संस्थाएं भी समाज सेवा के रूप में इसमें भागीदारी निभाएं तो आने वाले वक्त में सब को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में देश का 11 प्रतिशत पशुधन है और दुग्ध उत्पादन का 12 प्रतिशत एवं ऊन का 35 प्रतिशत उत्पादन होता है।
प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में पशु पालन व्यवसाय का 8 प्रतिशत योगदान है। राज्य ऊन उत्पादन में
देश में पहले तथा दूध उत्पादन में दूसरे स्थान पर है।
मुख्यमंत्राी ने बताया प्रदेश में पशुधन के विकास के लिये ’राजीव गांधी कृषि एवं पशुपालन मिशन’
के साथ ’पशुधन विकास नीति’ ’भेड़ प्रजनन नीति’ एवं ’बकरी प्रजनन नीति’ लागू की गई है। राज्य की
प्रमुख देशी गौवंशीय नस्लें जैसे राठी, मालवी, गीर, नागौरी, थारपारकर एवं कांकरेज को सुरक्षित रखने
के लिये चयनित-अपग्रेडेड प्रजनन नीति पर बल दिया जा रहा है। श्री गहलोत ने कहा कि आप और हम
सब मिलकर नस्ल सुधार के इस काम को आगे बढ़ाने में सहभागिता निभायंे।
श्री गहलोत ने कहा पशुपालकों एवं पशुधन को प्रोत्साहन देने के लिये राज्य सरकार हर संभव
प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया पशुओं के लिये ’मुख्यमंत्राी निःशुल्क दवा वितरण योजना’ प्रारम्भ की
गई है। इनकी दवाइयों की संख्या में वृद्धि की जायेगी जिससे पशुपालक पशुओं की मंहगी दवाइयों से
चिंता मुक्त हो सकें। उन्होंने बताया कि हर तहसील में पशुओं की चिकित्सा के लिये मोबाइल वैन का
प्रबन्ध करने का प्रयास किया जा रहा है। ’पशु चिकित्सालय-पशुपालक के द्वार’ वैक्सीन कोल्ड चेन
संधारण, बांझपन निवारण, पशु प्रजनन एवं स्वास्थ्य कार्ड का संधारण जैसी अनेक योजनाओं के जरिये
पशुओं एवं पशुपालाकों को फायदा पहुंचाया जा रहा है।
मुख्यमंत्राी ने बताया कि पशुपालन विभाग में चिकित्सकों एवं पशुधन सहायकों की नियुक्ति की
जा चुकी है। बेरोजगार पशु चिकित्सकों को रोजगार के अवसर देने के लिये 2 हजार निजी पशुधन सेवा
केन्द्र स्थापित किये जा रहे हैं। प्रत्येक पशुधन सेवा केन्द्र के लिये 6 हजार रुपये की सहायता दी जा रही
है। प्रदेश मंे नये पशु उप केन्द्रों की स्थापना के साथ-साथ उप केन्द्रों को पशु चिकित्सालयों में क्रमोेन्नत भी किया गया है।
गहलोत ने कहा कि राजस्थान जैसे रेगिस्तानी प्रदेश में अकाल एवं सूखे पड़ते रहे हैं और इस
पर ध्यान देना अपने आप में चुनौती भरा है। उन्हांेने कहा कि समय-समय पर राज्य सरकार ने इस पर ध्यान देकर पशुपालकों को राहत भी दी है। श्री गहलोत ने कहा कि कृषि के बाद अर्थव्यवस्था की दृष्टि से
सबसे ज्यादा महत्व पशुपालन का है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कृषि और पशुपालन तेज गति से
आगे बढ़े इसके लिये हमें निरन्तर प्रयासरत रहना होगा।
इस अवसर पर कृषि मंत्राी श्री हरजीराम बुरड़क ने कहा कि प्रदेश में 70 प्रतिशत खेती वर्षा आधारित होने की वजह से खेती और पशुपालन का अटूट रिश्ता है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में पशुधन की संख्या ज्यादा है इसे देखते हुए राज्य सरकार ने पशुपालकों के लिए विभिन्न योजनाएं बनाई है। उन्होंने पशुपालकों से अपील की कि सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठायें
एवं नई जानकारियों का उपयोग अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने में करंे। उन्होंने कहा कि आज पशुपालन के क्षेत्र में नई खोज एवं शोध की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राजस्थान पहला राज्य है जहां प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया जा रहा है। कृषकों के बाद अब राज्य सरकार पशुपालकों को भी सम्मानित करने जा रही है।
राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री बृजेन्द्र सिंह सूपा ने कहा कि बोर्ड प्रदेश के पशुपालकों की आर्थिक स्थिति मजबूत बनाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि पशु उत्पादकता में बढ़ोतरी के लिए शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। करीब 35 लाख कृत्रिम गर्भाधान कराये गये हैं जिन्हें बढ़ाकर करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि गोपालक बीमा योजना के तहत पशुपालकों को र्दुघटना में मौत होने पर नामित व्यक्ति को 75 हजार रुपये देने का प्रावधान है।
कार्यक्रम के अंत में पशुधन विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री महेश कटारा ने
धन्यवाद ज्ञापित किया।
इससे पहले मुख्यमंत्राी ने र्कायक्रम स्थल पर लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने पशुधन
विकास बोर्ड के पोस्टर का भी विमोचन किया। पोस्टर के माध्यम से जिला मुख्यालय व तहसील स्तर पर राज्य सरकार द्वारा पशुपालकों के हित में लागू की गई योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जायेगा।
र्कायक्रम में राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री माहिर आजाद, डांग क्षेत्रा विकास बोर्ड के
अध्यक्ष डॉ. सत्यनारायण सिंह, जन अभाव अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष श्री मुमताज मसीह,
पशुपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री मुकेश शर्मा, कृषि एवं पशुपालन क्षेत्रा के विशेषज्ञ, किसान,
अन्य जनप्रतिनिधि व उन्नत पशुपालक उपस्थित थे।

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