स्व. सईद अहमद खां के निधन पर संवेदना

gehlot1जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के पूर्व उप निदेशक तथा ईटीवी हिन्दी-उर्दू चैनल के सलाहकार स्व. सईद अहमद खां के निधन पर गहरा शोकव्यक्त किया है। श्गहलोत ने अपने संवेदना संदेश में कहा कि श्री खां हरदिल अजीज एवं खुशमिजाजइंसान थे। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग तथा ईटीवी उर्दू चैनल में उनकी विशेष सेवाओं को सदैव याद किया जाएगा।  मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत की आत्मा की शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को यह आघात सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।

अमृत सम्मान समारोह-2013

जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश की विभिन्न साहित्य अकादमियां जयपुर लिटरेचर फेस्टीवल के स्तर का कोई आयोजन करेंगी तो सरकार इसमें पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऐसे आयोजन को प्रायोजित करने को तैयार है ताकि किसी मल्टीनेशनल कम्पनी की वश्यकता नहीं रहे। मुख्यमंत्री यहां ओ.टी.एस. में राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर के ‘अमृत सम्मान समारोह-2013 के मौके पर अध्यक्षीय उद्बोधन दे रहे थे। गहलोत ने कहा कि ऐसे आयोजन से प्रदेश के साहित्यकारों, लेखकों की पूरी बिरादरी को सम्मान एवं स्वाभिमान मिलेगा और नई प्रतिभाओं को उभरने के अवसर मिलेंगे। मुख्यमंत्राी ने कहा कि पिछले आठ वर्षों से हो रहे लिटरेचर फेस्टीवल ने देश-दुनिया में लोकप्रियता अर्जित की है इससे इंकार नहीं किया जा सकता लेकिन मल्टीनेशनल कम्पनियों द्वारा इसे प्रायोजित करने के क्या मायने हैं, यह सोच और चिंता का विषय होना चाहिये। मुख्यमंत्राी ने कहा कि साहित्य, कला, लेखन, पत्राकारिता में मेरा दखल नहीं है इसके बावजूद इनके साथ मेरी प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण है। कलाकार, पत्राकार, साहित्यकार समाज के अंग हैं जिनके बिना समाज की रचना की कल्पना नहीं की जा सकती। राजस्थान में प्रतिभाओं की कमी नहीं है और इन्हें कैसे प्रोत्साहन दें इसमें हर सरकार को आगे आना होगा। उन्होंनेअकादमियों से कहा कि वे युवा पीढ़ी को इस दिशा में आकर्षित करे जिससे प्रदेश के साहित्यकार,कलाकार एवं लेखक आगे बढ़ सकें। उन्होंने कला मर्मज्ञ कोमल कोठारी का स्मरण करते हुए कहा कि कला के क्षेत्रा में उन्होंने अद्भुत काम किया जिससे प्रदेश का नाम रोशन हुआ। उन्होंने अकादमियों से कहा कि वे सुझाव दें जिस पर फैसले सरकार करेगी और उनके क्रियान्वयन में धन की कमी नहीं आने देगी। गहलोत ने कहा कि सूचना क्रांति के कारण से नौजवानोंकी रुचि कम्प्यूटर पर ज्यादा हो गई है। उन्होंने कहा कि वाचनालय विकसित किए जाएं और इन्टरनेट पर इस प्रकार का माहौल बनाये कि हमारी नौजवान पीढ़ी देश-दुनिया के साहित्यकारों के विचारों को ग्रहण कर सके।
उन्होंने कहा कि सरकार ने सर्वसम्मति से राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए संकल्प
पारित किया है। आशा है भारत सरकार इस प्रस्ताव को आगे बढ़ायेगी। मुख्यमंत्राी ने कहा कि प्रदेश में लेखकों, कलाकारों और साहित्यकारों के लिए बिना मांगे कल्याण कोष बनाये गये हैं। सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि इनको सम्मान मिलें। उन्होंने कहा कि ये लोग स्वाभिमानी होने के कारण से इन कोषों से पूरा फायदा नहीं ले पा रहे हैं जिसका उन्हें फायदा लेना चाहिए। मुख्यमंत्राी ने कहा है कि छपे समाचारों का आज भी महत्व है। उन्होंने पत्राकारों से कहा कि वे सत्यता एवं तथ्यों के आधार पर रिपोर्टिंग करंे जिससे समाज में उनकी विश्वसनीयता बनी रहे। इस अवसर पर समारोह में मुख्य अतिथि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जी.एस. सिंघवी ने अकादमी द्वारा साहित्यकारों को सम्मानित करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि समाज की समृद्धता उसकी भाषा एवं संस्कृति में निहित है। उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि देश में उस भाषा का उपयोग किया जा रहा है जो हमारी नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में जितनी भाषाएं हैं, उनकी प्रगति के लिए कार्य किया जाएं। उन्होंने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि निर्धन वो है जो शिक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि धनी और निर्धन में रेखा खींचने का प्रयास नहीं किया जाए और लोगों को ज्यादा से ज्यादा शिक्षित बनाया जाए। प्रारम्भ में राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर के अध्यक्ष श्री वेद व्यास ने सभी का स्वागत करते हुए अकादमी की गतिविधियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्राी ने दिल खोलकर अकादमियों का बजट बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि जिस दिन सांस्कृतिक विकास होगा उसी दिन हम समाज में जाति, वर्ग विशेष एवं धार्मिक उन्माद का मुकाबला कर सकेंगे। श्री व्यास ने कहा कि सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ सांस्कृतिक विकास को महत्व देना होगा वरना हमारा साहित्य दब जायेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्राी ने पुरस्कृत साहित्यकारों को शॉल औढ़ा कर एवं चैक भेंट कर, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीश ने प्रशस्ति पत्रा देकर तथा अकादमी के अध्यक्ष ने सूत की माला पहना कर सम्मानित किया। इस अवसर पर साहित्य मनीषी सम्मान पुरस्कार वरिष्ठ गीतकार श्री ताराप्रकाश जोशी और जनार्दनराय नागर सम्मान पुरस्कार डॉ.सावित्राी डागा को प्रदान किया गया। अकादमी द्वारा वर्ष 2012-13 के अमृत सम्मान पुरस्कार श्री मुश्ताक अहमद ‘राकेश’, जयपुर, श्री सुरेश पंडित, अलवर, न्यायमूर्ति विनोद शंकर दवे, जयपुर, श्री प्रकाश परिमल, जयपुर, श्रीमती माधुरी शास्त्राी, जयपुर, श्री विद्या सागर आचार्य, बीकानेर, श्री ओंकार पारीक, उदयपुर, श्री श्याम आचार्य, जयपुर, स्व. श्री नरसिंह देव गुजराती, जोधपुर, श्री जसदेव सिंह, जयपुर, डॉ. महेन्द्र भाणावत, उदयपुर और श्री नन्दलाल परशरामाणी, सलूम्बर (उदयपुर) को दिया गया।
स्व. नरसिंह देव गुजराती का पुरस्कार उनके पुत्रा सत्येन जोसेफ ने ग्रहण किया और अस्वस्थता
के कारण नहीं आने पर श्री विद्या सागर आचार्य का पुरस्कार उनके पुत्रा आनन्द आचार्य ने तथा श्री
ओंकार पारीक का पुरस्कार उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सूर्य पारीक ने प्राप्त किया। कार्यक्रम के अंत में हरिशचन्द्र माथुर लोक प्रशासन के निदेशक श्री रोहित आर. ब्रान्डन ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

समर्पित भाव से कार्य करने वालों का सम्मान सराहनीय प्रयास

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में समर्पित भाव से कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित करने का प्रयास सराहनीय है। गहलोत ने रविवार को यहां विद्याश्रम सभागार में आयोजित कार्यक्रम में माय एफ एम 94.3 ‘जियो दिल से‘ अवार्ड वितरित किये। उन्होंने माय एफ एम 94.3 को ‘जियो दिल से‘ अवार्ड के लिए बधाई दी। गहलोत ने सामाजिक आर्थिक कल्याण के क्षेत्रा में किये गये उल्लेखनीय कार्यों के लिए पहला पुरस्कार हाथ से नियंत्रित होकर चलने वाली कार बनाने वाले राजस्थान के श्री रविन्द्र पाण्डे को, दूसरा पुरस्कार छोटे से स्तर से कारपेट व्यवसाय शुरू कर 40,000 लोगों को रोजगार देने वाले जयपुर रग्स के संचालक नंदकिशोर चौधरी को जबकि तीसरा पुरस्कार अंतर्राष्ट्रीय पैरा ओलम्पिक खेलों में टेबल टेनिस स्पर्धा में 3 स्वर्ण जीतने वाली चंडीगढ़ की पूनम को दिया। गहलोत ने आशा जताई कि सरकार द्वारा चलाये गए जन कल्याणकारी कार्यक्रमों एवं योजनाओं का प्रचार-प्रसार माय एफ एम रेडियो के माध्यम से होगा तो इन योजनाओं का लाभ वास्तविक रूप से उन गरीबों व गांवों तक पहुंचेगा जिनके लिए ये योजनाएं बनी हैं।
उन्होंने आवाज संस्थान के बच्चों द्वारा की गई वंदना की सराहना की और कहा कि जो बच्चे बोलने-सुनने में सक्षम नहीं है राज्य सरकार उनके उपकरण लगवाकर सुनने की क्षमता लाने का प्रयास कर रही
है। उन्होंने बताया कि ऐसे करीब 25-30 बच्चों के उपकरण लगवाने का पूरा खर्चा राज्य सरकार ने दिया है जो करीब साढ़े सात लाख रुपये प्रति उपकरण है।
गहलोत ने कहा कि माय एफ एम एवं विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे लोग यह संकल्प लें कि वे समाज सेवा के क्षेत्रा में सदैव योगदान देंगे। इससे पहले माय एफ एम 94.3 के सीईओ श्री हरीश भाटीया ने अतिथियों का स्वागत करते हुए जियो दिल से अवार्ड के बारे में जानकारी दी। आवाज संस्थान के बच्चों ने वंदना प्रस्तुत की। इस अवसर पर मेयर ज्योति खंडेलवाल भी उपस्थित थीं।

राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की बैठक सम्पन्न

जयपुर। राज्य सरकार द्वारा खरीफ वर्ष 2012 की गिरदावरी रिपोर्ट के आधार पर 4  के 17.80 लाख कृषकों को  फसल खराबे पर कृषि आदान अनुदान भुगतान किया जायेगा। इसकी अनुमानित राशि लगभग 600 करोड रूपये होगी।

मुख्यमन्त्राी श्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में रविवार को मुख्यमन्त्राी कार्यालय में आयोजित राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की 15वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया । इसके तहत लघु एवं सीमान्त कृषकों को 2 हैक्टेयर तक की भूमि पर प्रति हैक्टेयर 3,000 रूपये तथा  इनके अलावा 5 हैक्टेयर तक के अन्य कृषकोें को 1 हैक्टेयर तक प्रति हैक्टेयर 3000 रूपये कृषि आदान अनुदान का भुगतान किया जायेगा। मुख्यमन्त्री ने कहा कि किसानों को कृषि आदान अनुदान का वितरण खरीफ फसल
2013 की बुवाई से पहले सुनिश्चित किया जाये। मुख्यमन्त्राी ने प्रमुख शासन सचिव, राजस्व को निर्देश दिये कि जिला कलेक्टर संवेदनशीलता से 5 मार्च तक की जाने वाली रबी की गिरदावरी के कार्य का प्रभावी पर्यवेक्षण करें तथा यह सुनिश्चित करंे कि राज्य में ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को हुए नुकसान का वास्तविक आंकलन हो, जिससे किसानों का कोई अहित न होने पावे। इसलिए यह जरूरी है कि जिला कलेक्टर व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित करें कि राज्य सरकार को सही गिरदावरी रिपोर्ट प्रस्तुत हो।  बैठक में कृषि मंत्राी श्री हरजीराम बुरडक, चिकित्सा मंत्राी श्री एमामुद्दीन अहमद दुर्रू मिया, सहकारिता एवं खाद्य मंत्राी श्सादीलाल मीणा, उर्जा मंत्राी श्री जितेन्द्र सिंह, राज्य मंत्राी, आपदा प्रबन्धन एवं सहायता बृजेन्द्र ओला, गृह राज्य मंत्राी श्री वीरेन्द्र बेनीवाल, तथा मुख्य सचिव श्री सी.के.मेथ्यू, अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह अशोक सम्पतराम अतिरिक्त मुख्य सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज श्री सी.एस.राजन, अतिरिक्त मुख्य सचिव, नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन श्री जी.एस. सन्धू, तथा विभिन्न विभागों के अन्य प्रमुख शासन सचिव एवं सचिव उपस्थित थे।

error: Content is protected !!