खुली सिस्टम की पोल: बांग्लादेशी ‘मुन्ना’ ने पा ली भारतीयता की हर पहचान!

vivahजोधपुर.तीन दशक से जोधपुर में अवैध रूप से रह रहे एक बांग्लादेशी ने खुद को भारत का नागरिक साबित करने के लिए वे तमाम दस्तावेज तैयार करवा लिए, जो सामान्य व्यक्ति को काफी मशक्कत के बाद मिलते हैं। खुफिया एजेंसियों को जब इस बांग्लादेशी के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने इन्वेस्टिगेशन शुरू कर दी। इस दौरान उसने नागरिक पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड के लिए भी रजिस्ट्रेशन करवा लिया।

इतना ही नहीं, उसने कुड़ी भगतासनी हाउसिंग बोर्ड में दो मकान खरीद कर उनकी रजिस्ट्री अपने व पत्नी के नाम करवा ली। सीआईडी ने बांग्लादेशी को पकड़कर डिपोर्ट तो कर दिया, लेकिन उसे जारी किए गए सरकारी दस्तावेज ने सिस्टम पर सवालिया निशान लगा दिया है।
डीबी स्टार की पड़ताल में पता चला कि अब्दुल करीम ग्राम बागमुआ पोस्ट पटुआ पुलिस थाना लोहागडा सतकणिया, बांग्लादेश का निवासी है। वह करीब 30 साल पहले 8 साल की उम्र में जोधपुर आया था। वह पिता के इंतकाल के बाद परिवार से बिछुड़कर यहां पहुंचा था। यहां उसे उदयमंदिर आसन क्षेत्र में अब्दुल अजीज ने गोद लिया और मुन्ना खां उर्फ मुनीर नाम दिया।
बाद में उसने जोधपुर में ही रह रही सुल्ताना से शादी की। उसके तीन बच्चे हैं, जो कुड़ी में रह रहे हैं। सीआईडी लंबे समय से उससे पूछताछ कर रही थी। इसी दौरान उसने राशनकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, आधार कार्ड आदि बनवा भारतीय नागरिक होने के पूरे प्रमाण जमा कर लिए थे। बांग्लादेश से उसके नाम आए दो पत्रों से सीआईडी को उसके बांग्लादेशी होने के पुख्ता प्रमाण मिले।
बीवी-बच्चे बोले, हमारा क्या होगा
मुन्ना की बीवी सुल्ताना मूल रूप से मेरठ की है। वह जोधपुर में रहती थी। मुन्ना से उसकी 1995 में शादी
हुई। उसके दो बेटे व एक बेटी है। सुल्ताना का कहना है कि मुन्ना के साथ कई बांग्लादेशी आए थे, उन्हें कोई पकड़ नहीं सका। वे सब भूमिगत हो गए। केवल मेरे पति को पकड़ कर वापस भेज दिया। अब मेरा व बच्चों का क्या होगा?
मुन्ना को डिपोर्ट के लिए विशेष पुलिस को सौंपा
‘मुन्ना कई सालों से जोधपुर में रह रहा था। उसके बांग्लादेशी होने के पुख्ता सबूत मिले। उसने केस भी लगाए, लेकिन खारिज हो गए। केंद्र सरकार के निर्देश पर हाल में उसे डिपोर्ट करने के लिए सीआईडी ने कार्रवाई की। दो दिन पहले ही उसे जिला विशेष पुलिस को सुपुर्द कर दिया था।’
अजीतसिंह, इंस्पेक्टर, सीआईडी
किसने क्या बनाया, इसकी जांच होगी
‘मूल दस्तावेज बनाने की प्रक्रिया पूरे राज्य में समान है, लेकिन किसी बांग्लादेशी ने अगर पहचान संबंधी दस्तावेज बनवाए हैं तो चिंता की बात है। इस प्रकरण में कौनसे दस्तावेज कहां से और कैसे बने, इसकी जांच की जाएगी।’
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