जयपुर। लीक से हटकर कॅरियर की राह चुनने और अपने मजबूत इरादों सफलता की ऊंचाईयां छूने वाली कई महिलाएं आज आधी आबादी को पूरी मजबूती देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। महिलाओं के लिए मिसाल पेश करती ये महिलाएं न सिर्फ महिलाओं बल्कि पुरूषों के लिए भी प्रेरणादायक साबित हो रही है। महिला दिवस पर पत्रिका डॉटकॉम की टीम ऎसी ही शख्सियतों से रूबरू हुई,एक रिपोर्ट-
परवाज के लिए पंख तो फैलाने दें
मेरी नजर में पुरूष और महिलाओं में बौद्धिक स्तर पर कोई असमानता नहीं है। फिर लड़कियों को शिक्षा और सम्मान हासिल करने के मौक कम क्यों हैं। उन्हें भी खुद को साबित करने के मौके मिलें। लेकिन आज भी शिक्षा का अधिकार को मिल गया है लेकिन कई तबकों में आज भी लड़कियां इस हक से महरूम हैं। मेरी हमेशा से कौशिश रही है कि जिन लड़कियों को थोड़ा-बहुत भी शिक्षा का मौका मिला है उन्हें प्रोत्साहित करू और उनके माध्यम से पूरे समाज में महिला शिक्षा को परवाज दे सकूं। इस मौके पर कहना चाहूंगी की लड़कियों परवाज के लिए उन्हें शिक्षा रूपी पंख तो फैलाने दें।
– कुसुम जैन,शिक्षाविद,आरयू।
(राजस्थान यूनिवर्सिटी में दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष,विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से गर्ल एजुकेशन में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। )
रूकावटों के बिना सफलता का एहसास अधूरा
कार्यक्षेत्र कोई भी हो महिलाओं के लिए सभी जगह रास्ते खुले हैं और “आधी आबादी” प्राय: सभी क्षेत्रों में अपनी मौजूदगी भी दर्ज करा चुकी हैं। हालांकि,पुलिस महकमा शुरू से ही पुरूष प्रधान माना जाता रहा है लेकिन बहुत सी महिलाएं बतौर पुलिस अधिकारी अपनी अलग पहचान बना चुकी हैं। मैंने भी अपनी सर्विस के दौरान कभी भी ऎसा मौका नहीं आने दिया जब मेरे महिला होने का असर मेरे कामकाज पर पड़ा हो। हां, शुरूआती दौर में मुझे पर इस प्रोफेशन को लेकर कई समस्याओं का सामना करना पड़ा,लेकिन रूकावटों के बिना सफलता का एहसास भी अधूरा है।