जयपुर । राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सहमति से सैक्स की उम्र 16 वर्ष करने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ है।
संघ का कहना है कि इसे कानूनी रूप देना स्वीकार्य नहीं है, जब विवाह की उम्र कानून में 18 वर्ष तय है तो फिर सम्बन्धों की उम्र 16 वर्ष कैसे हो सकती है। जयपुर में चल रही संघ की प्रतिनिधि सभा के तीसरे और अंतिम दिन कई मुद्दों पर विचार हुआ। संघ देश में बढ़ रही मुस्लिम आबादी से भी चिंतित है। संघ का मानना है कि प्राकृतिक रूप से यह बढ़ोतरी नहीं हो सकती, बल्कि इसका कारण बांग्लादेश से आ रहे घुसपैठियों के कारण यह हो रहा है।
प्रतिनिधि सभा में संघ के सह कार्यवाह भैयाजी जोशी ने कहा कि आजादी के वक्त देश में मुसलमानों की आबादी आठ प्रतिशत थी जो हर दस साल में एक प्रतिशत बढ़ रही है। वर्तमान में साढ़े 14 प्रतिशत मुस्लिम आबादी हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार बहुसंख्यकों और अल्पसंख्यकों के बीच बड़ा फर्क कर रही है जो संविधान के खिलाफ है।
जानकारी के मुताबिक प्रतिनिधि सभा में कुछ प्रतिनिधियों ने कहा कि हिन्दू परिवारों में यह देखने में आया है कि बच्चे या दो होते है। अब तो परिवारों में एक बच्चे की परम्परा चल रही है। ऐसे में बच्चे तीन या चार होने चाहिए। यदि एक-दो विदेश में बस जाएंगे तो बाकी तो माता-पिता के पास रहेंगे। इसके साथ ही हिन्दू आबादी भी अल्पसंख्यकों से अधिक रहेगी। संघ ने कहा कि यदि सरकार ने सेतु-समुद्रम योजना में राम सेतु को तोड़ने का प्रयास किया तो उसे जनाक्रोष का सामना करना पड़ सकता है।
भैयाजी जोशी ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि वह इस बात के लिए दखल दे कि श्रीलंका सरकार विस्थापित तमिलों का पुनर्वास करने और नागरिक एवं राजनीतिक अधिकार दे। एक लाख से अधिक तमिल अपने देश से पलायन कर तमिलनाडु के समुद्री किनारों पर रह रहे है। बैठक में संघ का कार्यक्षेत्र बढ़ाने, संघ की विभिन्न योजनाएं लागू करने पर विचार हुआ।
संघ से सम्बन्धित विभिन्न संगठनों की भावी योजनाओं पर भी विचार हुआ। प्रतिनिधि सभा का समापन तो रविवार को हो गया अब अगले दो दिन विभिन्न स्तरों की बैठकें होगी। संघ प्रमुख मोहन भागवत 19 मार्च तक जयपुर में ही रहेंगे।