नई दिल्ली। बिहार को विशेष राज्य के दर्जे पर केंद्र ने अब तक भले ही हामी न भरी हो, लेकिन भविष्य की राजनीतिक जरूरतों के मद्देनजर वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हमदर्दी जरूर जता रही है। अलबत्ता, नीतीश की ओर से केंद्र पर साधा गया निशाना कांग्रेस को अखरा है। इस बीच सबकी नजरें सोमवार को नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम से होने वाली मुलाकात पर टिक गई हैं। वह आज ही योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया से भी मुलाकात करेंगे।
रविवार को दिल्ली में हुई अधिकार रैली में नीतीश ने संप्रग सरकार पर उपेक्षा व सौतेले व्यवहार का आरोप लगाया, तो कांग्रेस ने उनको राजग सरकार में बिहार के हालात की याद दिला दी। कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य व पश्चिम बंगाल व झारखंड के प्रभारी शकील अहमद ने कहा, केंद्र में जब भाजपा की अगुआई वाली राजग सरकार थी, तब किसी ने बिहार को विशेष राज्य के दर्जे या अलग से मदद के लिए कुछ नहीं किया। बिहार के बंटवारे के समय बिहार और बिहारियों को लेकर राजग सरकार व नीतीश ने बुरा बर्ताव किया। प्रदेश के लोग अब भी यह सब नहीं भूले हैं। इसलिए मुख्यमंत्री को अब इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।
केंद्रीय संसदीय कार्ययोजना राज्यमंत्री राजीव शुक्ला ने कहा, केंद्र बिहार की बेहतरी के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री की मांगों के बारे में प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री न सिर्फ जानते हैं, बल्कि विचार भी कर रहे हैं। राज्यों की विशेष मदद के लिए पिछड़ा वर्ग अनुदान निधि के तहत योजना आयोग मदद का प्रावधान कर चुका है।
शुक्ला ने भी संप्रग सरकार पर बिहार की अनदेखी का आरोप सिरे से खारिज करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री सत्तारूढ़ दल को न देखते हुए सभी राज्यों के साथ एक जैसा व्यवहार करते हैं। गौरतलब है कि बिहार को विशेष राज्य के दर्ज के लिए लंबे समय से मांग उठती रही है लेकिन जदयू ने इसे आर-पार का मुद्दा बना लिया है।