लुटेरों की कैद से एक साल बाद आजाद

samundry lutereजयपुर। एक साल तक समुद्री लुटेरों की कैद में रहने के बाद जयपुर लौटे झुंझुनूं के अरुण पाल को देखकर उसके परिजनों की आंखें भर आईं। नम आंखों से परिजन बार-बार भगवान का शुक्रिया अदा कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें पूरा भरोसा था कि देर सवेर उनका बेटा जरूर सकुशल लौटेगा। अरुण पाल उन 22 जनों में शामिल था, जिन्हें सोमालियाई समुद्री लुटेरों ने एक साल पहले एक ब्रिटिश जहाज को अगवा कर बंदी बना लिया था। सोमवार सवेरे ओमान एयरवेज की फ्लाइट से अरुण पाल जयपुर पहुंचा।

30 किलो घटा वजन

अरुण के रिश्तेदार अश्विनी सिंह राठौड़ ने बताया कि इलेक्ट्रीशियन अरुण को एक फर्म ने नाइजीरिया भेजा था। दुबई से नाइजीरिया जा रहा शिप रॉयल ग्रेस दो मार्च 2012 को रवाना हुआ था। जिसे ओमान के पास समुद्री लुटेरों ने हाइजैक कर लिया। 8 मार्च 2013 को एनजीओ की मदद से इन्हें छुड़ाया गया।

भारत में एनजीओ के चिराग बहेरी ने बताया सरकार की मदद से इन्हें भारत लाया गया है। अरुण के पिता प्रेम सिंह ने बताया कि कैद में रहे 371 दिन खाने में अरुणपाल को कच्चे चावल दिए जाते थे। उसका वजन 70 से 40 रह गया है।

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