शिक्षण में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत: शर्मा

Alfiya-Pune 03जयपुर। पूरे देश से आए मदरसा शिक्षा में अंग्रेजी भाषा के शिक्षकों के लिए आयोजित दस दिन की आवासीय कार्यशाला का शनिवार को यहां होटल इंडियाना प्राइड में समापन हो गया। समापन समारोह में मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री ब्रजकिशोर शर्मा ने कहा कि शिक्षक देश के भविष्य हैं। शिक्षकों को अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी जिम्मेदारी से करना होगा। पुराने जमाने में गुरू का बहुत बडा दर्जा था, उस दर्जे को वापस कायम करना होगा। शर्मा ने कहा कि शिक्षण व्यवस्था में आज बहुत बडा बदलाव आ गया है। माडर्न टीचिंग में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। इसमें गीत-संगीत और बच्चों की रूचि के अनुसार शिक्षण व्यवस्था अपनानी होगी। उन्होंनेे अल्पसंख्यक समुदाय में शिक्षण की चर्चा करते हुए कहा कि अल्पसंख्यकों में शिक्षा को बढावा देने की जरूरत है। उन्होंने महिला शिक्षा पर जोर देकर कहा कि बालिकाएं शिक्षित होंगी, तभी विकास का पूरा लाभ मिल सकेगा।

Mohd khan-Mewat 01क्षेत्रीय अंग्रेजी भाषा कार्यालय, यूएस दूतावास नई दिल्ली के तत्वावधान में मारवाड मुस्लिम एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी जोधपुर तथा तरक्की-आई संस्थान नई दिल्ली की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यशाला में विभिन्न प्रदेशों कश्मीर, केरल, हैदराबाद, महाराष्टृ, चेन्नई, कोलकाता तथा प्रदेश के टोंक, जोधपुर तथा मेवात इलाके के 24 अंग्रेजी शिक्षकों ने भाग लिया। इस कार्यशाला का मकसद विद्यार्थियों के लिए अंग्रेजी विषय की महत्ता एवं मदरसा शिक्षकों को अंग्रेजी अध्यापन, कौशल विकास तथा अभिरूचि के माध्यम से परस्पर सौहार्दपूर्ण माहौल बनाकर अध्यापन-अध्ययन करना है।
अमेरिकी दूतावास में सीनियर अंग्रेजी टीचर ट्ेनर डायने मिलर ने कहा कि मदरसा शिक्षक जिस लग्न व मेहनत से काम करते हैं उसकी सराहना की जाती है। इनसे लोगों को प्रेरणा मिलती है। उन्होंने प्रतिभागियों से अपने ज्ञान को कक्षा एवं समुदाय के बीच बांटने का आग्रह किया। डायने मिलर भारत, भूटान व अफगानिस्तान में गत 6 साल से चल रहे इस तरह के शिक्षण कार्य से जुडी हैं।
दिल्ली के शिक्षक एवं सामुदायिक नेता उमर गौतम ने कहा कि अध्यापक समाज के लिए आदर्श होता है और संबंधित शिक्षा एवं खासतौर से अंग्रेजी के माध्यम से व्यक्तित्व एवं क्षमता निर्माण में सहायता मिलती है। उन्होंने ईमानदारी को सबसे बडा गुण बताते हुए अपने कर्तव्यों एवं जिम्मेदारी से काम करने का आग्रह किया।
अमेरिकी दूतावास नई दिल्ली के क्षेत्रीय अंग्रेजी भाषा कार्यालय में गत 37 साल से कार्यरत सुश्री कोनी ग्रीनलीफ ने कहा कि इस कार्यशाला में जीवन कौशल तकनीक विकास एवं आउटडोर गतिविधियों के साथ साथ प्रशिक्षणार्थियों का परस्पर व्यवहार तथा सहभागिता व मानसिक सोच में बदलाव के व्यावहारिक अनुभव कराए गए।
अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के ख्यातनाम प्रोफेसर राशिद नेहाल ने कहा कि इस तरह की संगठित एवं वैज्ञानिक आधार पर शिक्षण पद्ति से शिक्षण व्यवस्था में बदलाव लाया जा सकता है। मारवाड मुस्लिम एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटील जोधपुर के प्रेसीडेंट अब्दुल अजीज ने आभार जताया। तरक्की आई फाउंडेशन के संस्थापक निदेशक आमिर आबिदी ने कार्यशाला के उद्देश्यों एवं भविष्य की रणनीति की जानकारी दी।
कार्यशाला के समापन मौके पर संभागी अंग्रेजीे शिक्षकों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए। इस दौरान हैदराबाद की कुमारी खैरून्निसा, चेन्नई के मोहम्मद जकारिया, टोंक की कुमारी राफिया, उत्तर प्रदेश के मौलाना शाकिब सहित सभी संभागियों ने कार्यशाला में अर्जित ज्ञान व कौशल के बारे में अपने अनुभव सुनाए।
समापन समारोह में वक्फ बोर्ड चेयरमैन लियाकत अली खान, कय्यूम अख्तर, एडवोकेट सुभान, फौजिया बेगम सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।
कल्याणसिंह कोठारी

 

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