
मुख्यमंत्री शुक्रवार को यहां झालाना डूंगरी क्षेत्र में राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर के शिलान्यास समारोह के बाद मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने इंटरनेशनल सेंटर, जयपुर को वल्र्ड क्लास सिटी बनाने, विधान परिषद्, गौमाता, राजीव गांधी सेवा केन्द्र, कांग्रेस संदेश यात्रा की सफलता एवं अन्य मुद्दों पर पूछे गए प्रश्नों के जवाब दिए।
मुख्यमंत्री की बातचीत अविकल रूप में इस प्रकार है-
प्रश्नकर्ता: इंटरनेशनल संस्थान के बारे में…..
इंडिया इंटरनेषनल सेंटर अपने आप में एक अलग तरह का संस्थान है, जोकि जितने भी इंटेलेक्चुअल है, जितने भी बुद्धिजीवी लेखक, साहित्यकार, पत्रकार या आप समझ लीजिये बुद्धिजीवी भी उसमें आ जाते हैं, तो एक प्रकार से वह लोग बैठकर चर्चा कर सकते हैं, बातचीत कर सकते हैं। अपने विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं और जो फैसेलिटीज दी गयी हैं, जिसमें सेमीनार के लिये हॉल अलग है या कन्वेंशन हॉल अलग है तो एक प्रकार से एक जो फिफ्टीज में उसकी कल्पना की गयी थी, और आज वह देश के अंदर अपना एक अलग स्थान रखता है। उसी धारणा को मूर्त रूप देने के लिये राजस्थान में जयपुर में यह प्रयास किया गया। राजस्थान में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर बने और मैं समझता हूं कि यह बहुत ही कामयाब रहेगा। इसका अभी जो आपने प्रजेन्टेशन देखा, उससे आप अन्दाज कर सकते हैं कि सब तरह की फैसेलिटीज होगी और सबको सुविधा मिलेगी। आज जो जयपुर धीरे-धीरे राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाता जा रहा है। और तो और लोग शादियां करने के लिये जयपुर में आने लग गये। इसके साथ ही राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की कान्फ्रेन्सेज के लिये यहां पर सुविधाएं हो गयीं यहां पर। जितनी फाइव स्टार होटलें जयपुर में बनी हैं, मेरे ख्याल से देष की किसी राजधानी में नहीं हैं। जयपुर के अंदर यह स्थिति बन चुकी है। और फिर यहां पर मैट्रो का आना, यहां पर घाट की गूणी की टनल का आना, यहां पर अण्डर ग्राउण्ड पार्किंग का होना, और रिंग रोड का आना। इस प्रकार के जो प्रोजेक्ट आ रहे हैं एक के बाद एक। आज का यह नया शुभारम्भ, शिलान्यास होना। यह राहुल गांधी ने भी कहा था कि जयपुर वह शहर है, जो वल्र्ड क्लास सिटी बनने लायक है। वल्र्ड क्लास सिटी कोई दो-चार-पांच साल में नहीं बनता है। इसमें वक्त लगता है। उस दिषा में जो सरकार ने काम किये हैं, मैं समझता हूं कि वह आप खुद देख रहे हो कि लोग उस रूप में पहचानने लगे हैं।
प्रष्नकर्ता: राहुल गांधी चाहते हैं कि जयपुर वल्र्ड क्लास सिटी बने, लेकिन विपक्ष कुछ यात्राओं में जिस तरह से प्रचारित कर रहा है….
भाजपा का जो विपक्ष है, एक प्रकार से गिल्टी कांषस है, क्योंकि साढ़े चार साल में वह लोग गायब रहे तो इसलिये अब वह अपराधबोध से ग्रसित है। चुनाव आ गये सामने। तो वह ऐसे शब्द ही काम में लेंगे कि राजस्थान पिछड़ गया है, राजस्थान में कुछ काम नहीं हुए हैं, तो जो भावना वह प्रकट कर रहे हैं, वह उनकी कुंठा को प्रदर्षित करता है। इसलिये वह इस प्रकार से बातें बोल रहे हैं। जो मैं समझता हूं कि जनता इन बातों को स्वीकार नहीं करेगी।
प्रश्नकर्ता: कल कैबिनेट ने विधान परिषद को मंजूरी दी है, तो कैसे प्रोसेस रहेगा?
देखो, हमने तो अपना काम कर दिया था। हमने तो पक्ष-विपक्ष सबको साथ लेकर जो संकल्प पास करना था, वह कर दिया। अब काम है कैबिनेट का प्रोसेस दिल्ली में होना है, उसके बाद बिल पेष होना है तो पार्लियामेंट में होना है। अब वह काम आगे बढ़ रहा है। मैं उम्मीद करता हूं कि ……
प्रष्नकर्ता: विधान सभा चुनाव से पहले हो जायेगा?
यह कोई चुनाव पहले, बाद की बात नहीं है। प्रोसेस में टाइम लगता है। कानून बनता है फिर उसके लिये इलेक्षन कमीषन आॅफ इंडिया प्रोसेस तय करता है। जो लम्बी प्रक्रिया होती है इसके अंदर।
प्रश्नकर्ता: सर, तमिलनाडु की पेंडेंसी चल रही है। राजस्थान के लिये आपने कुछ विषेष योजना है, किनसे मिलना है? क्या उसकी लाइजनिंग करनी है कि किस प्रकार से पहले हो जाये?
देखिये, तमिलनाडु में तो पहले बना भी है, खत्म भी हुआ है। ऐसे ही कुछ मामला मैं सुन रहा हूं, तो उसकी मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है कि वह किसी रूप में क्या सोचते होंगे? पर राजस्थान की विधान सभा ने संकल्प पास किया है तो मैं समझता हूं कि वह कामयाब हो।
प्रश्नकर्ता: आपका चौथा चरण शुरू हो रहा है कांग्रेस संदेष यात्रा का कल से। डूंगरपुर-बांसवाड़ा से, जो कांग्रेस का गढ़ माना जाता है।
तीन चरण भी बहुत शानदार हुए। तीन चरण भी बहुत शानदार रहे, पब्लिक का शानदार रेस्पोंस, क्योंकि हम लोगों ने जो फ्लैगशिप प्रोग्राम बनाये और जो बजट में घोषणाएं की हैं जिस रूप में, मैं समझता हूं पूरे मुल्क के अंदर शायद ही कोई प्रदेष होगा, जहां पर सोषल सिक्योरिटीज की स्कीम का आना हो, इतनी योजनाएं बनाना हो, इन्फ्रास्ट्रक्चर की बात हो, पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़कें, सब क्षेत्रों में मैं समझता हूं कि पांच साल में जो काम हुए हैं, चार साल तो हो ही गये हैं, तो हमने कहा ‘चार साल बेमिसाल’। जनता उसको उस रूप में स्वीकार करती है। इसीलिये भारतीय जनता पार्टी वाले लोग जो यात्रा निकाल रहे हैं, उसमें वह खाली जुमले बोल रहे हैं कि राजस्थान पिछड़ गया है। उनके जाते ही पिछड़ गया। अगर उनके टाइम में कुछ काम होता तो वह जाते ही क्यों फिर? इसलिये वह ऐसे जुमले बोलते-बोलते टाइम पास कर रहे हैं। कहने को कुछ है नहीं, तो वह कहते हैं कि राजस्थान के इतिहास का भ्रष्ट मुख्य मंत्री आ गया। तो हम इन जुमलों को सुन रहे हैं और सुनकर हम लोग जनता को केम्पेन कर रहे हैं कि देखो भाई, हमने पांच साल यह काम किये। अब हम आपके ऊपर छोड़ते हैं कि अगर हमने पांच साल काम किये हैं तो आप हमारे पक्ष में समर्थन दो। अगर उनका पांच साल बहुत शानदार रहा, बहुत ईमानदारी से, बहुत ही प्रतिबद्धता से, बहुत ही सेवाभाव से काम किये हों, तो आप उनको चुनो। इतना शानदार विकल्प, लोकतंत्र को बड़ी खूबसूरत चीज है। जहां गरीब से गरीब आदमी का मान-सम्मान भी, मैं समझता हूं कि लोकतंत्र नहीं होता तो उनका सम्मान भी नहीं होता। आज देष का सौभाग्य है कि महात्मा गांधी ने, कांग्रेस ने देष को जो यह लोकतंत्र दिया है, उसमें आज गरीब से गरीब आदमी के पैरों के भी हाथ लगाने पड़ते हैं। मुख्य मंत्री हो, चाहे प्रधान मंत्री हो, चाहे मंत्री हो, एम एल ए हो, पंच-सरपंच क्यों नहीं हो। यह सबसे खूबसूरत चीज है। इसको भी हमारी भारतीय जनता पार्टी वाले, क्योंकि जब से यह पैदा हुए हैं, तब से इन्होंने क्या किया कि गौ-माता की हत्या बंद करो, फिर वह गौ-माता को भूल गये। हम गौ-माता को आज भी याद रखते हैं। उस वक्त भी याद रखते थे, क्योंकि हिन्दू धर्म में गौ-माता की पूजा करने का बड़ा स्थान है। कांग्रेस के जो सिद्धान्त हैं, जो नीतियां हैं, जो कार्यक्रम हैं, वह महात्मा गांधी के जमाने से, पंडित नेहरू के जमाने से, मौलाना आजाद के जमाने से ही चले आ रहे हैं। तो हम तो हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, पारसी,जो भी हैं, सबके धर्म में जो आस्थाएं हैं, उनका सम्मान करते हैं। उसमें गौमाता भी आ जाती है। वह लोग खाली चुनाव जीतने के लिये, वह जमाना था जब यह गौमाता की हत्या बंद करो, करते थे, फिर उसको भूल गये। यह लोग उस वक्त में आरक्षण के विरोधी थे। जब सत्ता में आ गये, पक्ष में हो गये। तो इनकी तमाम हरकतें उस रूप में रही है, जनता ने 55 साल के बाद में भी, इनकी उम्र 55-60 साल हो गयी, 55-60 साल के बाद में भी कुछ तो ऐसा रहा होगा कि कांग्रेस के विकल्प के रूप में आज भी उभरकर नहीं आ पाये। आज गठबन्धन कर लो, अलग बात है। पर आज दक्षिण में इनको कोई जानता नहीं, खाली कर्नाटका में आये थे, वहां के मुख्य मंत्री को जेल जाना पड़ा। इनके राष्ट्रीय अध्यक्ष को जेल जाना पड़ा। नोर्थ-ईस्ट में इनकी कोई पहचान नहीं, तो आप खुद सोच सकते हो 55 साल किसे कहते हैं? अगर 55 साल यह विचारधारा के आधार पर, मैं यह जो बात कह रहा हूं बहुत सोच समझकर कह रहा हूं कि अगर यह विचारधारा, कार्यक्रम, नीतियां कांग्रेस के मुकाबले की बनाकर जनता के सामने पेष करते और मुकाबला करते तो हो सकता कि यह विकल्प बन जाते यह लोग। कभी कांग्रेस आती, कभी बीजेपी की बात करते। आज बीजेपी की बात नहीं करते, गठबन्धन की बात करते हैं। कांग्रेस तो लम्बे समय तक सत्ता में रही मान लीजिये, जो काम करता है उससे कुछ गलती भी होती है। जो काम करते ही नहीं, उनसे गलतियां क्या होंगी? चाहे हमारी सरकार बनी या नहीं बनी, सत्ता के अंदर रहे, या बाहर रहें हो, पर कांग्रेस ने कभी भी साम्प्रदायिक ताकतों से हाथ नहीं मिलाया। हम अपने रास्ते पर चले रहे हैं। आप इनसे पूछो कि इन्होंने गौमाता को फिर क्यों छोड़ा? मैंने अभी गौमाता का विभाग बना दिया। उसके अंदर हमने 25 करोड़ रूपये रखे। गौषालाओं को हम मदद करना चाहेंगे। गायें बचनी चाहिये उसमें 50 करोड़ लगे, चाहे 100 करोड़ लगे। उसके लिये भी हमारी तैयारी है। दानदाता एक हद तक ही गौषालाओं के लिये पैसा देते हैं। चारा मंहगा हो गया है। साधु-सन्तगण आये थे, हमने उनको सम्मान दिया। हमारी बात उन्होंने सुनी और वह कन्वींस होकर गये। हम चाहते हैं कि अलग से जो डायरेक्ट्रेट बना है, उसके माध्यम से जो उनकी समस्याएं हैं, उनको दूर करेंगे तो इनका एजेण्डा तो यह था। वह एजेण्डा गायब हो गया। करप्षन हटाने का एजेण्डा हमारा रहा है, 1985 में आप लोग याद करो, जब कांग्रेस का शताब्दी समारोह था, तब राजीव गांधी प्रधान मंत्री बने ही थे। उन्होंने कहा था कि देष से पाॅवर ब्रोकर्स समाप्त होने चाहिये। सत्ता के दलालों का अन्त हो और हम अन्त करके ही रहेंगे। जिस नौजवान ने ट्वेन्टी फस्र्ट सेंचुरी की बात की हो देष को ले जाने के लिये, जो आप लोग आज कम्प्यूटर, लैपटाॅप, मोबाइल फोन देख रहे हो, यह उनका सपना था उस वक्त में। जिस नौजवान ने कहा सत्ता के दलाल समाप्त होने चाहिये, कोई बिचैलिये नहीं होने चाहिये। उसी व्यक्ति को बोफोर्स के अंदर फंसाने का इन्होंने षड्यन्त्र किया। यह हमेशा षड्यन्त्र करके सत्ता में आना चाहते हैं। इंदिरा गांधी के जमाने में, राजीव गांधी के जमाने में, मनमोहन सिंहजी के जमाने में, हर वक्त में यह चाहते हैं कि जो कांग्रेस की लीडरषिप है, उसको बदनाम कर दो, जिससे इनका नीचे वाला ढांचा ढह जाये, वह कमजोर हो जाये और जनता को भ्रमित करके हम सत्ता में कैसे आ जायें। यही चालें इनको पीछे ढकेल रही हैं। चाहे भले ही यह लोग आठ साल सत्ता में आ गये हों। राम मंदिर के नाम पर, दंगे करवाकर, भावना भड़काकर सत्ता में आकर आठ साल इन्होंने राज कर लिया गठबन्धन का। पर मैं समझता हूं कि आज यह कांग्रेस का विकल्प क्यों नहीं बन पाये। इनकी पहचान पूरे मुल्क के कोने कोने में क्यों नहीं है? कांग्रेस की तो देष में आपको साढ़े छह लाख चैकियां मिलेंगी। चाहे सत्ता में रहें या नहीं रहें, वह अलग बात है। इसलिये रात-दिन का फर्क है इनके अदंर। इसलिये हमें जुमले सुनना पड़ता है। कैलाष मेघवाल जी ने कह दिया कि सबसे झूठा मुख्य मंत्री राजस्थान का है। अब आप फैसला करो कि वसुन्धरा राजे जी कहे, कैलाष मेघवाल जी कहे, यह तो आपसे ही हमने षिक्षा ली है, पढ़ा है। मीडिया में जो खबरें आई थीं, हम तो मीटिंग में थे नहीं। या तो मीडिया ने गलत खबर दी है। मैंने ने तो मीडिया ने जो खबर दी थी और दुनिया जानती है उनके नेताओं ने कहा। आज शेखावत साहब तो दुनिया में नहीं है। उनकी जुबान से यही बातें सुन सकते थे तो हमने तो कोई आरोप लगाये ही नहीं। हम खाली वही आरोप लगा रहे हैं जो इनकी खुद की पार्टी के नेताओं ने, इनके मंत्रियों ने, इनके उप-राष्ट्रपति रहे हुए लोगों ने, इनके राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कैलाष मेघवाल जी के वक्त में जो आरोप हम पढ़ते थे, या जो वह कहते थे, अब शेखावत साहब तो रहे नहीं हैं। बाकी जो जुमले हम सुन रहे हैं, वह चुनाव तक सुनते रहेंगे। यह जुमले चुनाव तक चलते ही रहेंगे, क्योंकि इनके पास कहने को कुछ नहीं है और हमारे पास कहने के लिये इतनी स्कीमें हैं, हमें तो पढ़ना पड़ता है। हम लोगों ने इतनी स्कीमें बना दी हैं कि उनको याद रखना भी कठिन काम होता है।
प्रश्नकर्ता: राजीव गांधी सेवा केन्द्र के बारे में।
इतना बड़ा काम देश में कहीं नहीं हुआ है। पूरे देश के अंदर एक साथ सारी 9177 ग्राम पंचायतों में इतनी शानदार बिल्डिंगें बन गयीं, आपको मालूम है गांव में ग्राम सेवक का, पटवारी का घर भी ढंग का नहीं होता है। उनका आफिस, पटवारघर भी ढंग का नहीं होता है। आज 10-12 लाख की बिल्डिंगें बनी हैं। अब हम उन्हीं ग्राम पंचायतों में उनके पास ही हम बिल्डिंग और खड़ी कर रहे हैं, जो राजीव गांधी भारत निर्माण सेवा केन्द्र बने हैं, उसके ऊपर या पास में, जहां भी सुविधा होगी। हमने सैकिण्ड फेज के लिये स्कीम बना ली। हम चाहेंगे कि ग्राम सचिवालय बने। जहां किसान सेवा केन्द्र और किसान नाॅलेज सेंटर बने ताकि किसानों को सारी जानकारी उन्हीं केन्द्रों में बैठकर मिल सके। वह आपस में बातचीत कर सके, विचारों का आदान-प्रदान कर सके। फसलों के क्या भाव चल रहे हैं और कौनसी फसल बोनी चाहिये। मौसम विभाग क्या कह रहा है। वह सारी सुविधाएं पानी के बिल, बिजली के बिल, टेलीफोन का बिल, रेल या बस की बुकिंग करानी हो, नरेगा का पेमेंट करना हो, बल्कि गांव के छात्र-छात्राएं आर के सी एल के माध्यम से वहां पर बैठकर कम्प्यूटर सीख रही हैं। इंटरनेट की सुविधाएं सारी जगह हम चालू नहीं कर पाये, यह हम स्वीकार कर रहे हैं। पर 4,000 के आसपास तो उद्घाटन हो चुके थे। बाकी जो बचे हुए थे, एक साथ में सरपंच साहब से उद्घाटन हम करवा रहे हैं। सरपंचगण का बहुत बड़ा योगदान रहा था ये भवन बनाने के अंदर, तो हमने कहा उनके माध्यम से ही एक साथ में उनका उद्घाटन करवा देते हैं। उद्घाटन होते ही इनकी एक्टिविटी बढ़ जायेगी। न्यूज फोर राजस्थान से साभार