दिल्ली, हरियाणा के छात्र कर सकते है राजस्थान का रुख

chatreजयपुर । दिल्ली विवि. की ओर से स्नातक डिग्री कोर्स की समय अवधि तीन से बढ़ाकर चार साल करने के निर्णय से दिल्ली और हरियाणा के छात्र राजस्थान विशेषतौर पर जयपुर का रुख कर सकते है। इस बारे में राजस्थान सरकार को मिली जानकारी के बाद प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने नए तरीके से रणनीति बनाना शुरू कर दिया है।

अब तक दिल्ली विवि. में हरियाणा, यूपी और राजस्थान के कुछ जिलों के छात्र अध्ययन के लिए जाते थे, लेकिन अब वहां स्नातक डिग्री कोर्स चार साल का किए जाने के बाद इन प्रदेशों के छात्रों का रुख राजस्थान विवि. की ओर होगा। अब तक दिल्ली जाने वाले हरियाणा के छात्र बीकानेर विवि. का रुख भी कर सकते है। दिल्ली विवि. के निर्णय से राजस्थान के विद्यार्थियों को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना होगा। साल दर साल बढ़ती कटऑफ के कारण विद्यार्थियों को नियमित विद्यार्थी के रूप में पसंदीदा कॉलेज में प्रवेश मिलना पहले ही मुश्किल हो रहा था, अब दिल्ली विवि. के निर्णय का असर राज्य के विद्यार्थियों पर पड़ेगा।

छात्रों को दूसरे विवि. से तीन साल में ही डिग्री मिल जाती है, तो वह दिल्ली विवि. से पढ़कर एक साल जाया नहीं करना चाहेंगे। ऐसे विद्यार्थी निश्चित रूप से राजस्थान की ओर रुख करेंगे। राजस्थान देश में एजुकेशन हब के रूप में उभर रहा है। यहां सरकारी के साथ निजी कॉलेज और विवि. बड़ी संख्या में हैं। ऐसे में यहां सीटें बढ़ाने के लिए दबाव बढ़ेगा। साथ ही स्थानीय विद्यार्थियों को प्रवेश में मुश्किल होगी। इतना ही नहीं इसका असर कटऑफ पर भी पड़ेगा। कटऑफ और अधिक बढ़ेगी साथ ही विद्यार्थियों के मध्य कड़ी प्रतिस्पर्धा होगी।

वर्तमान में भी राजस्थान विवि. से जुड़े कॉलेजों में कटऑफ 90 फीसदी से अधिक जाती है। ऐसे में विद्यार्थियों को निजी कॉलेजों की ओर रुख करना पड़ता है। यदि राजस्थान विवि. से जुड़े जयपुर के महारानी कॉलेज की ही बात करें, तो यहां बीएससी पास कोर्स में एडमिशन के लिए 240 सीटें निर्धारित है। जिसमें कटऑफ 95 प्रतिशत तक जाती है फिर भी छात्राओं को एडमिशन नहीं मिलता और उन्हें दूसरे कॉलेजों में एडमिशन लेना पड़ता है। ऐसे में अब उन्हें दिल्ली से आने वाले विद्यार्थियों से भी प्रतिस्पर्धा करनी होगी।

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