अधिक आय प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाने की पहल

jaipur 17-5-2013 01जयपुर। ग्रामीणों की आजीविका सशक्तिकरण के लिए कार्यरत जयपुर स्थित स्वयंसेवी संख्या कुमारप्पा ग्राम स्वराज संस्थान ने पिछले एक साल में महिलाओं को बकरी पालन करने की अनूठी योजना से जोड़कर परिवारों की वार्षिक आय को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया है। सर योराबजी टाटा ट्रस्ट के आर्थिक सहयोग से निवाई क्षेत्र में चल रहे इस कार्यक्रम में महिलाओं द्वारा खेती के साथ सहायक रोगार की दृष्टि से पर्यावरण संरक्षण को अपनाते हुए वैज्ञानिक विधि से बकरी पालन का कार्य 11 गांवों के 237 परिवारों द्वारा पायलेट योजना के तहत किया। नवम्बर दिसम्बर 2011 से शुरू किये गये इस अभिनव योजना के लिए महिला समूह द्वारा गठित लक्ष्मी निधि सहकारी समिति के माध्यम से 237 परिवारेां को बकरी खरीदने के लिए कीमत की आधी राशि कर्ज के रूप में दी गई। इस क्षेत्र में 30 परिवारेां को नस्ल सुधार के उद्देश्य से उन्नत नस्ल का बकरा दिया गया। कुमारप्पा ग्राम स्वराज संस्थान के परियोजना निदेशक अमित कुमार ने बताया कि एक वर्ष की अवधि में बकरी एवं बच्चों को मिलाकर कुल संख्या 803 हो गई और इनमें बाजार मूल्य पर उत्पादित दूध 44251 लीटर का मूल्य 8.85,050 हुआ। इसके साथ ही बकरे बेचने से भी आय हुई और भारी मात्रा में जैविक खेती के लिए बकरी की खाद मिली।

अमित कुमार के अनुसार लक्ष्मी निधि बहुउद्देशीय सहकारी समिति के दूसरे वर्ष में 680 सदस्यों के पास विभिन्न माध्यमों से कुल जमा राशि 12 लाख है ओर सदस्यों को विभिन्न कार्यों के लिए कर्ज प्रदान किया जाता है। गा्रमीण परिवारों द्वारा 30 लाख रूपये का लेन देन किया गया। इस पूंजी का ‘‘रिवाल्विंग फंड’’ के रूप में उपयोग किया जा रहा है। समिति ने बैंक से कर्ज नहीं लिया और स्वयं की पूंजी से जमा, ब्याज, कर्ज एवं व्यवसथा सम्बन्धी नियम बनाकर आत्मनिर्भर समिति के रूप में कार्य किया है। कुमारप्पा संस्थान प्रशिक्षण, सलाह व हिसाब रखने में सहयोग करता है।
अमित कुमार ने बताया कि बकरी फसल को नुकसान करती है ये आम धारणा है, लेकिन उक्त परियोजना से स्पष्ट होता है कि पर्यावरण एवं फसल को बिना नुकसान पहुंचाये भी बकरी पालन अतिरिक्त आय एवं अल्प अवधि में अधिक लाभ का सशक्त माध्यम है और विशेषकर महिलाओं द्वारा इसको अपनाया जा सकता है। बकरी के चारे के लिए खेतों की मेड पर 5000 अरडू के पेड लगाये गये जो बकरी के लिए ताकतवर चारा प्रदान करते है।
हिंगोनिया गॉव की सीता देवी के 5 सदस्यों के श्रमिक परिवार ने बकरी पालन को अपना कर परिवार स्तर पर दूध का सरल व सस्ता साधन उपलब्ध कराया और परिवार के लिए कम समय में नकद आय के साथ बकरी की खाद से जैविक खेती में उपयोग करके ग्रामीण महिलाओं के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया। लक्ष्मी निधि बहुउद्देशीय सहकारी समिति के समय-समय पर कर्ज लेकर गतिविधियों को बढ़ाया और समय पर कर्ज चुकाकर उदाहरण प्रस्तुत किया। सीता देवी जैसे ही ओर भी परिवार इससे इसी प्रकार जुड़ते जा रहे है। इस कार्यक्रम से बकरी पालन एवं अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञों का सहयोग, स्थानीय पशु चिकित्सक का सहयोग, पशु बीमा करवाना और बाजार से सम्पर्क कराने में कुमारप्पा ग्राम स्वराज्य संस्थान ने सहायता प्रदान की।

-कल्याण सिंह कोठारी 

error: Content is protected !!