पूर्व मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह सिंघवी प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर राशन सामग्री के वितरण के नाम पर बीपीएल परिवारों को छलने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि पिछले बजट में मुख्यमंत्री अषोक गहलोत ने झूठी वाहवाही लूटने के लिए बीपीएल परिवारों को 1 रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं देने की घोषणा की थी, लेकिन इससे बीपीएल परिवारों को उल्टा नुकसान हो रहा है।
सिंघवी ने कहा कि बीपीएल परिवारों को पहले 2 रुपये प्रति किलो की दर से प्रतिमाह 35 किलो गेहूं मिलते थे जबकि अब 25 किलो गेहूं ही मिल रहे हैं। ऐसे में उसे मजबूरन हर महीने 10 किलो गेहूं बाजार से खरीदना पड़ रहा है, जिसकी कीमत 150 रुपये से ज्यादा है। इस हिसाब से एक बीपीएल परिवार पूर्व में गेहूं खरीदने में हर महीने 70 रुपये खर्च करता था जबकि अब उसे 175 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। सिंघवी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए गरीब की जेब को भी नहीं बख्शा। राहत देने के नाम पर उस पर ही बोझ लाद दिया। उन्होंने कहा कि यदि सरकार गरीब का कुछ भला नहीं कर सकती तो कम से कम उसका हक तो उससे नहीं छीने।
सिंघवी ने मुख्यमंत्री पर बजट में थोथी घोषणाएं करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने बजट में 13.50 रूपये प्रति किलो के स्थान पर 10 रूपये किलो की दर से चीनी देने की घोषणा की थी, जिस पर अब तक अमल नहीं हुआ है। लोग राशन डीलरों के यहां चक्कर लगाकर थक गए हैं, लेकिन चीनी नहीं मिल रही। सिंघवी ने कहा कि अब लोग कांग्रेस की कथनी और करनी के इस भेद को पहचानने लगे हैं, चुनाव में वे वोट की चोट से इन्हें सबक सिखाएंगे।