एसपी के तबादले के विरोध में जैसलमेर बंद रहा

jजैसलमेर के पुलिस अधीक्षक के तबादले के विरोध में रविवार को विभिन्न संगठनो की ओर से किए गए जैसलमेर बंद के आह्वान को अपार जन समर्थन मिला है। इस दौरान सुबह से ही दुकाने बंद रही और मुख्य बाजार खुले ही नहीं। शहर के गड़ीसर मार्ग, गुलासता रोड, आसनी रोड, गोपा चौक, सदर बाजार, जिंदानी चौक, कचहरी रोड़, गांधी चौक, अमरसागर प्रोल, हनुमान चौराहा, गीता आश्रम मार्ग सहित अधिकांश मुख्य मार्गो पर सन्नाटा पसरा हुआ दिखाई दिया और बाजार खुले ही नहीं।

गोल्डन सिटी टूरिज्म डेवलपमेंट कन्फेडरेशन सोसायटी के अध्यक्ष पृथ्वीराज ने बताया कि जिले में पदस्थापित कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों के विरूद्ध राजनैतिक दबाव बनाकर करवाए जा रहे तबादलों से आम जनता में रोष है। जैसलमेर पुलिस अधीक्षक का अल्प समय मे स्थानांतरण भी इसका उदाहरण है। गौरतलब है कि एसपी पंकज चौधरी के तबादले को गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट दुबारा खोले जाने से जोड़कर देखा जा रहा है। गाजी फकीर का एक पुत्र शाले मोहम्मद पोकरण विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक है, वहीं दूसरा पुत्र अब्दुल्ला फकीर जिला प्रमुख है।

इससे पूर्व रविवार सुबह सत्यदेव पार्क में बड़ी संख्या मे शहरवासी एकत्रित हुए और एसपी के तबादले के विरोध मे जुलूस निकाला और जमकर नारेबाजी की। शहर के मुख्य मार्गो से होकर यह जुलूस जैसलमेर के कलक्ट्रेट पहुंचा।

गौरतलब है कि विभिन्न व्यापारिक संगठनों तथा वस्त्र व्यवसायी संघ, फल व सब्जी विक्रेता संघ, किराणा-अनाज व्यापार संघ, मजदूर संघ, टैक्सी कार एसोसिएशन, थ्री व्हीलर यूनियन, होटल एसोसिएशन, हेण्डीक्राफ्ट्स एसोसिएशन, गाइड एसोसिएशन, रेस्टोरेंन्टस एसोसिएशन व अन्य व्यापार संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी बंद को समर्थन दिया। इस दौरान किसी तरह की अप्रिय वारदात नहीं होने के लिए जगह-जगह पुलिस जाब्ता भी तैनात किया गया था।

विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान सरकार ने हाल ही में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के तबादले किए थे। जैसलमेर के एसपी पंकज चौधरी का तबादला कर उन्हें अजमेर के किशनगढ़ में पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में पदस्थापित किया गया। चौधरी जैसलमेर में सिर्फ पांच महीने से एसपी रह पाए। कहा जा रहा है कि पोकरण के विधायक साले मोहम्मद के दबाव के कारण चौधरी को फील्ड पोस्टिंग से हटा दिया गया।

गाजी फकीर के बेटे और विधायक साले मोहम्मद के भाई अब्दुल्ला फकीर ने कहा है कि मेरे पिता 80 साल के हैं। वह ठीक से सुन और देख भी नहीं सकते। उनके खिलाफ कोर्ई चार्जशीट नहीं है। पिछले तीन दशकों में उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं लगा है। हाल ही में हिस्ट्रीशीट को दोबारा खोल दिया गया है। इससे पता चलता है कि चुनावी साल में उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश रची जा रही है। हम अधिकारी का तबादला करवाने के लिए दबाव बनाने की बजाय पुलिस की कार्रवाई को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। http://visfot.com

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