पर्स झपटने (स्नेचिंग) वाला अंतरराज्यीय गैंग चढ़ा पुलिस के हत्थे

udaipur-सतीश शर्मा- उदयपुर. उदयपुर शहर की भूपालपुरा थाना पुलिस ने पर्स झपटने (स्नेचिंग) वाले अंतरराज्यीय गैंग के तीन सदस्यों को पकडऩे में कामयाबी हासिल की है। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने उदयपुर सहित गुजरात के कई शहरों में आधा दर्जन वारदातें करना कबूल की है।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पर्स में सोने का सामान मिल जाता, तो वे उसे फाइनेंस कंपनी में जमा कराकर उसके बदले रकम उठा लेते। इस तरह आरोपी लूट के माल पर लोन लेने की प्रक्रिया पूरी कर लेते। फाइनेंस कंपनी से सोने की कीमत के बराबर रकम मिल जाती। जिसे वे आपस में बांट लेते। पुलिस ने बताया कि ये आरोपी अधिकतर पैदल चलती महिलाओं को निशाना बनाते थे। इसके लिए वे तीनों एक ही बाइक पर बैठकर निकलते थे। पर्स झपटने के बाद एक आरोपी उतर जाता और निर्धारित समय पर निर्धारित स्थान पर पहुंच जाते।
जिला पुलिस अधीक्षक महेश गोयल ने बताया कि भूपालपुरा थाना पुलिस के प्रयास से पर्स स्नेचिंग के मामले में महेन्द्र सिंह (22) पुत्र मोती सिंह सोलंकी निवासी कालका माता रोड, ईश्वर सिंह (26) पुत्र अमर सिंह निवासी न्यू आरटीओ ऑफिस और हिमांशु उर्फ आशीष (35) पुत्र हरी लाल चौहान निवासी वृंदावन विहार को भारतीय दंड संहिता की धारा 392, 34 के तहत शनिवार को गिरफ्तार किया गया है।
अब तक इन वारदातों में रहे शामिल
4 जुलाई : हाथीपोल से एक महिला का पर्स छीना। इसमें 4 हजार रुपए की नकदी थी।
8 जुलाई : नारायण सेवा संस्थान के पास से लड़की का पर्स छीना।
8 जुलाई : धानमंडी में बोहरों की मस्जिद के पास से एक महिला का पर्स छीना।
28 जुलाई : अमेरिकन हॉस्पिटल के बाहर जा रही लड़कियों से पर्स छीना। इसमें 50 हजार की कीमत के दो मोबाइल व 5 हजार रुपए नकद थे।
7 अगस्त : कलेक्ट्रेट के बाहर से जाते युगल से पर्स छीना। इसमें मोबाइल और 500 रुपए थे।
10 अगस्त : बाठेड़ा हाउस से एक महिला से पर्स छीना। इसमें दस हजार रुपए और सोने की चेन थी।
ताकि चुकाना नहीं पड़े –
आरोपियों को यदि पर्स झपटने के बाद उसमें से सोने का गहना या अन्य सामान मिल जाता तो वे उसे मुथूट फाइनेंस कंपनी में जमा करवाकर उसके बदले रकम ले लेते। हालांकि यह प्रक्रिया पूरी लोन की तर्ज पर होती थी। इसमें आरोपियों को फायदा यह होता था कि उन्हें रकम तो चुकानी नहीं थी। बदले में लूटा गया माल भी सुरक्षित ठिकाने लगाया जा सकता था। बहरहाल, पुलिस मामले को लेकर कंपनी पर भी शिकंजा कसने वाली है। बताया गया कि कंपनी के भी इस मामले में मिलीभगत के संकेत मिल रहे हैं।
गुजरात में की वारदातें
पुलिस अधीक्षक महेश गोयल ने बताया कि इन पर्स स्नेचरों ने गुजरात में कई वारदाते करना कबूल की है। उदयपुर में यह आरोपी लगातार रूप से वारदात करते, जब यहां माहौल गरमा जाता तो ये सीधे गुजरात भाग निकलते और वहां जाकर वारदातें शुरू कर देते। विशेष बात यह है कि इन आरोपियों को वहां भी भागने में सफलता मिल जाती थी।
यह शामिल थे टीम में-
गोयल ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी और वृत्ताधिकारी नगर पूर्व दयानंद सारण के निर्देशन में थानाधिकारी भूपालपुरा ज्ञानेंद्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में टीम गठित की गई थी।
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