अल्लाह से जुडे नायाब लफ्ज

आपने अल्लाह से जुडे ये लफ्ज सुने होंगे। माषाअल्लाह, जजाकअल्लाह, सुभानअल्लाह, इंषाअल्लाह आदि। इनका उपयोग भिन्न प्रसंगों में किया जाता है। आम तौर पर लोग इनके ठीक मायने नहीं जानते। आइये, समझने की कोषिष करते हैंः-
माशाअल्लाह एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ होता है जो अल्लाह ने चाहा या अल्लाह की मर्जी से। इसे आमतौर पर किसी अच्छी चीज, सफलता, सुंदरता या आशीर्वाद को देख कर कहा जाता है, ताकि बुरी नजर न लगे। किसी की तरक्की या सफलता पर, जैसे किसी ने परीक्षा में अच्छे नंबर हासिल किए, तो कहा जाता है माशाअल्लाह, बहुत अच्छे नंबर आए। खूबसूरती की तारीफ में, अगर कोई बच्चा बहुत प्यारा लगे, तो कहते हैं माशाअल्लाह, कितना प्यारा बच्चा है। नए घर, गाड़ी या किसी उपलब्धि पर, जब कोई नई चीज खरीदे या नया घर बनाए तो बधाई देने के साथ माशाअल्लाह कहा जाता है।
अगर कोई आपको माशाअल्लाह कहे, तो आप जजाकअल्लाह कहें, यानि अल्लाह तुम्हें भी बरकत दे, कह सकते हैं।
जजाक अल्लाह अरबी भाषा का एक इस्लामी वाक्यांश है, जिसका अर्थ होता है अल्लाह आपको बदला (प्रतिफल), बरकत दे।
यह वाक्यांश आमतौर पर तब कहा जाता है, जब आप किसी व्यक्ति का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं, खासकर किसी अच्छे काम, मदद या भलाई के बदले में। जब कोई आपकी मदद करे या कोई अच्छा काम करे। जब किसी ने आपको दान दिया हो या आपकी सहायता की हो।
इसी प्रकार सुभान अल्लाह कब कहा जाता है? सुभानअल्लाह का अर्थ होता है अल्लाह पाक है या अल्लाह हर कमी से मुक्त है। इसे आमतौर पर अल्लाह की महानता, खूबसूरती या किसी अद्भुत चीज को देखकर कहा जाता है।
अल्लाह की महानता या कुदरत देख कर, जब कोई सुंदर नजारा, जैसे सूर्योदय, समुद्र या पहाड़ देखें तो कहा जाता है सुभानअल्लाह, कितनी खूबसूरत अल्लाह की कुदरत है। मुसलमान अपनी इबादत में सुभानअल्लाह का जिक्र करते हैं, खासकर नमाज के बाद या तसबीह (माला) पढ़ते समय।
अगर कोई सुभानअल्लाह कहे, तो आप भी सुभानअल्लाह या अल्लाहु अकबर कह सकते हैं।
इसी प्रकार इंषाअल्लाह तब कहा जाता है, जब हम कोई काम आरंभ कर रहे हों या आरंभ करने का संकल्प करते हों। इसका अर्थ होता है अल्लाह ने चाहा तो। यानि हर काम का श्रेय अल्लाह को दिया जाता है।

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