दोस्तो, नमस्कार। आपको यह अनुभव होगा कि जब हम कहीं से गुजर रहे हों और लाल रंग का वस्त्र पहना हुआ व सामने से सांड आ रहा हो तो सलाह दी जाती है कि हम उससे नजर बचा कर चलें। अन्यथा वह हमला कर देगा। असल में यह एक बहुत ही आम धारणा है कि सांड लाल रंग देख कर भड़कता है। लेकिन यह दिलचस्प तथ्य है कि सांड कलर ब्लाइंड होते हैं। वे रंग अंधता से ग्रसित होते हैं। वे लाल और हरे रंग में अंतर नहीं कर पाते। सांड रंगों को इंसानों की तरह नहीं देख सकते। तो सवाल उठता है कि बुल फाइटिंग अर्थात सांड युद्ध में लाल कपडा देख कर वे भडकते क्यों हैं? असल में वे रंग की वजह से नहीं, बल्कि कपडे की हरकत के कारण प्रतिक्रिया देते हैं। सांड स्वाभाविक रूप से हिलती हुई वस्तुओं पर ध्यान देते हैं और उन्हें संभावित खतरे या चुनौती के रूप में देखते हैं। लहराता हुआ कपडा सांड का ध्यान आकर्षित करता है और उसे उत्तेजित करता है। बुल फाइटर जानबूझ कर कपड़े को इस तरह से हिलाता है कि सांड को उकसाया जा सके। जानकार लोग बताते हैं कि सांड स्वभाव से क्षेत्रीय होते हैं और किसी भी चीज को अपने क्षेत्र में घुसपैठ करते हुए देख कर आक्रामक हो सकते हैं। हिलता हुआ कपड़ा उनके क्षेत्र में एक चुनौती की तरह लगता है। सवाल यह भी उठता है कि सांड युद्ध में लाल रंग का ही कपडा क्यों लहराया जाता है, उसकी पक्की वजह का पता नहीं, वह परंरागत है। यह परंपरा क्यों पडी, पता नहीं, मगर समझा जाता है कि लाल रंग बहुत चमकीला होता है, खून का आभास देता है और देखने वालों को उत्तेजित करता है। इसी कारण लाल रंग का कपडा लहराया जाता है। और इसकी कारण यह धारणा बन गई कि लाल रंग से सांड भडकता है।
