दोस्तो, नमस्कार। आम तौर पर वासना व कामुकता को अच्छा नहीं माना जाता। सारे विद्वान वासना से निवृत्ति का उपदेष देते हैं। लेकिन कुछ जानकार बताते हैं कि कामुकता बरकरार रहे तो उम्र बढ जाती है, षरीर स्वस्थ रहता है। इसी सिलसिले में किसी ने रूहानी अंदाज में कहा है कि बढती उम्र में भी करते रहिए इष्क, चेहरे का नूर बरकरार रहेगा।
वस्तुतः भारतीय दर्शन, विशेषतः जैन, बौद्ध और वेदांत परंपरा में वासना को एक बंधन माना गया है। यह आत्मा को संसार में बाँधने वाला तत्व है, जिससे मुक्त होना मोक्ष का मार्ग माना जाता है। ब्रह्मचर्य को मानसिक व शारीरिक बल का स्रोत माना गया है। दूसरी ओर आधुनिक विज्ञान और मनोविज्ञान की मान्यता है कि कामेच्छा एक प्राकृतिक जैविक प्रवृत्ति है। नियमित और संतुलित यौन जीवन मानसिक तनाव को घटाता है, इम्यून सिस्टम मजबूत करता है और हृदय स्वास्थ्य में सहायक होता है। अभिनिवेश यानि (जीने की इच्छा) को प्रेम और आकर्षण भी पोषण देते हैं, जिससे उम्र लंबी हो सकती है। कामुकता केवल शारीरिक इच्छा नहीं है, बल्कि यह मानव की जैविक, हार्मोनल, मानसिक और सामाजिक प्रवृत्तियों का समुच्चय है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो मानव प्रजनन, संबंध निर्माण, और मानसिक संतुलन से जुड़ी है। विज्ञान के अनुसार, नियमित, सुरक्षित और संतुलित यौन क्रिया से शरीर पर कई सकारात्मक प्रभाव होते हैं। यौन क्रिया से डोपामीन, ऑक्सीटोसिन और एंडोर्फिन जैसे हैप्पी हार्मोन्स बढ़ते हैं। ये हार्मोन तनाव कम करते हैं, नींद सुधारते हैं और त्वचा में चमक लाते हैं। नियमित सेक्स से हृदय गति संतुलित होती है। अध्ययन में पाया गया है कि सप्ताह में 1-2 बार यौन संबंध रखने वालों में इम्यून सिस्टम अधिक मजबूत होता है। ब्रिटेन में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि जिन पुरुषों ने नियमित सेक्स किया, उनकी मृत्यु दर कम थी। यह संभवतः मानसिक संतुलन, हार्मोनल स्वास्थ्य और शारीरिक सक्रियता के कारण होता है। कामुकता तनाव और अवसाद को कम करने में सहायक है। इसी प्रकार एक सर्वे में यह भी पाया गया है कि ब्रह्चारी भले ही योग के जरिए आध्यात्मिक षिखर पर पहुंच जाएं, मगर उन की उम्र कम होती है। वजह हार्मोनल असंतुलन। वैसे वैज्ञानिक चेतावनी भी है कि अत्यधिक वासना या आकर्षण की लत एक मानसिक समस्या है। संतुलन जरूरी है। सेक्स का अतिरेक अगर विवेक खो दे, तो तनाव, अपराधबोध, या शारीरिक थकान ला सकता है। कुल मिला कर कामुकता एक जैविक शक्ति है, जिसका संतुलित उपयोग जीवन को लंबा, सुंदर और स्वस्थ बना सकता है। लेकिन यदि यह व्यक्ति पर हावी हो जाए, तो उसका नुकसान भी हो सकता है।
