आदमी व औरत के कफन का रंग अलग-अलग क्यों?

दोस्तो, नमस्कार। आपकी जानकारी में होगा कि पुरूश की अर्थी पर सफेद रंग का कफन होता है, जबकि महिला के कफन का रंग अमूमन लाल या हल्का गुलाबी होता है। यह अंतर क्यों?
असल में पुरुष की अर्थी पर सफेद कपड़ा वैराग्य, शुद्धता, और त्याग का प्रतीक माना जाता है। स्त्री की अर्थी पर कभी-कभी लाल या हल्का गुलाबी रंग का कफन या चुनरी रखी जाती है, विशेषकर विवाहित स्त्रियों के मामले में। यह रंग सुहाग, शक्ति, और देवी रूप का प्रतीक माना जाता है।
हिंदू मान्यता में स्त्री को देवी का रूप माना गया है। इसलिए उसकी विदाई (मृत्यु) को भी श्रृंगारयुक्त और सम्मानजनक ढंग से किया जाता है। विशेष रूप से विवाहित स्त्री को साड़ी या चुनरी से सजा कर विदा किया जाता है, मानो वह अपने पति के पास जा रही हो।
पुरुष को मृत्यु के बाद वैरागी माना जाता है, इसीलिए उसका कफन सादा सफेद होता है।
यह अंतर केवल धार्मिक नहीं, बल्कि एक संवेदनात्मक श्रद्धा का भाव भी दर्शाता है। परिवार स्त्री की विदाई को एक विशेष सम्मान और भावनात्मक जुड़ाव के रूप में देखता है।
अगर स्त्री विधवा हो या साध्वी हो, तो उसका कफन भी सामान्यतः सफेद ही होता है, जैसे पुरुषों का होता है।

 

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