दोस्तो, नमस्कार। आम तौर पर लोग किसी का जूठा खाना नहीं खाते। जूठा खाना न खाने के पीछे कई स्वास्थ्य और सांस्कृतिक कारण होते हैं। एक तो यह है कि इससे बैक्टीरिया और संक्रमण का खतरा होता है। किसी व्यक्ति द्वारा खाया हुआ भोजन उसके मुंह और लार के संपर्क में आता है। अगर व्यक्ति में कोई संक्रमण या बीमारी है, तो वह दूसरे व्यक्ति को भी संक्रमित कर सकता है। इसके अतिरिक्त जूठा भोजन रखने से उसमें बैक्टीरिया जल्दी पनपते हैं, जिससे भोजन दूषित हो सकता है और खाने से पेट की समस्याएं हो सकती हैं।
दूसरा कारण यह कि भारतीय समाज में भोजन को बहुत पवित्र माना जाता है। इसलिए भोजन का आदर करना जरूरी है और जूठा खाने से उसकी शुद्धता कम होती है। धार्मिक दृष्टिकोण से भी, कई परंपराओं में जूठा भोजन अशुद्ध माना जाता है। इसे खाने से व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक शुद्धता पर प्रभाव पड़ता है।
दूसरी ओर एक मान्यता यह भी है कि जूठा खाना खाने से प्यार बढ़ता है और इसी वजह से कई लोग जैसे कि प्रेमी-प्रेमिका, यार-दोस्त, पति-पत्नी एक-दूसरे का जूठा बड़े ही प्यार से खा लेते हैं। हर किसी को यही लगता है कि जूठा खाना खाने से प्यार बढ़ता है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जूठा खाना किसी व्यक्ति के जीवन में दुर्भाग्य को भी आमंत्रण दे सकता है। शास्त्रों के अनुसार किसी का जूठा खाना नहीं खाना चाहिए क्योंकि ऐसा करने वाले व्यक्ति किसी और का दुर्भाग्य अपने नाम कर लेते हैं और अपने हाथों से अपनी समस्याएं बढ़ा लेते हैं.
जो लोग किसी का जूठा भोजन करते हैं तो इससे व्यक्ति की वाणी और भाषा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जूठा खाने से प्रभाव पडता ही है, इसकी दलील यह है कि कई समाजों में अन्नप्राषन्न संस्कार में नवजात को किसी बुजुर्ग का जूठा जौ व गुड खिलाया जाता है। एक बात दिलचस्प बात और। ऐसी मान्यता है कि यदि किसी को किसी की नजर लग जाए तो उसका जूठा पानी पिलाने पर नजर का असर खत्म हो जाता है। बहरहाल अगर आप भी प्यार मोहब्बत में आकर किसी का जूठा खाना खाते हैं तो फिर आपको अपनी यह आदत फौरन बदल देनी चाहिए नहीं तो हो सकता है कि जाने-अंजाने में आप अपने हाथों से अपने दुर्भाग्य को आमंत्रण दे बैठें, इसलिए इससे बचने का सबसे बेहतर तरीका यही है कि आप किसी का जूठा खाने से परहेज करें।