जश्न-ए-गौसिया अदबो एहतराम व शानो शौकत से मनाया

Dargaah 24 thumbअजमेर) विश्व प्रसिद्ध महान सूफी संत हज़रत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती कि दरगाह शरीफ के ऐतिहासिक दालान अहाता-ए-नूर में बाद मामूल आस्ताना-ए-आलिया (पट्ट मंगल) के सर्वधर्म एकता समिति व जश्ने गौसिया इन्तेज़ामिया कमेटी के संयुक्त तत्वाधान में बाबा साहब शाह सैयद अरशद अली चिश्ती कादरी कि सदारत में जश्न-ए-गौसिया 43वें सर्वधर्म सम्मेलन के रूप में अदबो एहतराम व शानो शौकत से मनाया गया। जश्न कि शुरूआत पवित्र कुरान कि आयत से अल्लामा कारी रजा उल कादरी (नेपाली बाबा) ने की। नआत व मनकबत के नज़राने सैयद कैफ चिश्ती, सूफी जावेद आदि ने पेश किये। बाबा साहब अपने मुरीदों के साथ जुलूस के रूप में दरगाह शरीफ पहुँचे जहाँ उनके देश भर से आए कई मुरीदों ने गुलपोशी कर इस्तकबाल किया। सर्वधर्म एकता समिति कि और से आए हुए अतिथियों व गणमान्य लोगो का माल्यापर्ण, साफा बांध कर मौमेन्टों देकर स्वागत किया गया। सभी अतिथियों ने सम्मेलन कि सराहना करते हुए समिति को बधाई व धन्यवाद दिया व सर्वधर्म सद्भाव व कौमी एकता कायम रखने पर बल दिया। बाबा साहब ने खुतबा-ए-इस्तकबालिया (स्वागत-पत्र) पढ़कर सभी अतिथियों का स्वागत व धन्यवाद अर्पित किया। दरगाह शरीफ की शाही चौकी व अन्य मशहूर कव्वालों ने हज़रत गौस पाक व हज़रत ख्वाजा गरीब नवाज की शान में एक से एक बढ़कर सूफियाना कलाम पेश कर सम्मेलन में उपस्थित सभी धर्मों के श्रद्धालुओं को झूमने पर विवश कर दिया। हाजी खलील अहमद व साथियों ने सलातो-सलाम पेश किया। बाबा साहब ने फातेहा पढ़ी व सर्वधर्म प्रार्थना सभा हुई। दरगाह शरीफ के शाही नक्कार खाने से शादयाने नौबत बजाई गई। इस अवसर पर दरगाह शरीफ व चिल्ला हज़रत बड़े पीर साहब पर समिति कि और से विशेष प्रकाश व्यवस्था (सजावट) कि गई थी। खीर का प्रसाद वितरित किया गया। समिति के उपाध्यक्ष मिर्ज़ा मोईन अरशदी, सचिव मनमोहन श्री वास्तव, कोषाध्यक्ष नरेश कुमार गर्ग, मुनव्वर सिसोदिया, लक्षमण तिलकानी, हिमांशु बांण्ठिया, अनुज पुरोहित अब्दुल नईम, अब्दुल मजीद, संजय कोठारी, सुरेश चंचल, सलमान, सैयद गुलजार चिश्ती ने अतिथियों का स्वागत किया। सम्मेलन में सभी धर्मों के सूफी संत, बुद्धिजीवी गणमान्य व अग्रणी लोग प्रशासनिक अधिकारी राजनितिज्ञ, समाजसेवकों सहित देश भर से आए श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थ्ति थे। कार्यक्रम देर रात्रि तक चला। समिति उपाध्यक्ष मिर्जा मोईन अरशदी ने बताया कि यह सम्मेलन पिछले 42 वर्षों से दरगाह ख्वाजा साहब में आयोजित किया जाता रहा है। इस वर्ष 43वाँ सर्वधर्म सम्मेलन दरगाह ख्वाजा साहब में आयोजित हुआ जिसका समापन शुक्रवार 28 फरवरी को दोपहर 2.15 बजे होने वाली महफिल-ए-कुल के साथ होगा। सम्मेलन में सभी धर्मों के लोग एक जाजम पर ब्राजमान थे जिससे हमारे देश कि गंगा जमुनी तहज़ीब साकार हो रही थी तथा सर्वधर्म सद्भाव कि अनूठी मिसाल नज़र आ रही थी।

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