अमृता प्रीतम की हिंदी रचना का देवी नागरानी द्वारा सिंधी अनुवाद

मूल:अमृता प्रीतम
Amrita Preetamमेरा पता
आज मैंने
अपने घर का नंबर मिटाया है
और गली के माथे पर लगा
गली का नाम हटाया है
और हर सड़क की
दिशा का नाम पोंछ दिया है
पर अगर आपको मुझे ज़रूर पाना है
तो हर देश के, हर शहर की,
हर गली का द्वार खटखटाओ
यह एक शाप है, एक वर है
और जहां भी
आज़ाद रूह की झलक पड़े
–समझना वह मेरा घर है।

सिन्धी अनुवाद: देवी नागरानी
Devi N 1मुहिंजों पतो
अजु मूँ
पाहिंजे घर जो नम्बर मिटाए छड्यो आहे
ऐं घिटीअ जे मथे ते लगलु
घिटीअ जो नालो हटायो आहे
ऐं हर हिक रस्ते जी
दिशा जो नालो उघी छडियो आहे
पर,
जे तव्हांखे मुखे हरू-भरू पाइणों आहे
त हर देश जे , हर शहर जे,
हर घिटीय जो दरु खड़खड़ायो,
हीऊ हिकु परातो आहे, ऐं वरदान आहे
ऐं जिते बि
आज़ाद रूह सां मुहाखड़ो थिये
-समिझिजो उहो मुहिंजों घरु आहे !
पता: ९-डी॰ कॉर्नर व्यू सोसाइटी, १५/ ३३ रोड, बांद्रा , मुंबई ४०००५० फ़ोन: 9987938358

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