मूल: देवी नागरानी
मौत जी छाया
मौत जी कारी छाया
हयातीय जे सफर में
पाच्छो थी साणु-साणु मुहिंजे
पई रुलन्दी आहे,
तेसीं
जेसीं
सिजु चढिहियल आहे
लहण ते
जीवन सां नातो तोड़े
ग़रूब थी वेंदो आहे !
पता: ९-डी॰ कॉर्नर व्यू सोसाइटी, १५/ ३३ रोड, बांद्रा , मुंबई ४०००५० फ़ोन: 9987938358
हिन्दी अनुवाद: खीमन मूलाणी
मौत की छाया
मौत की काली छाया
जीवन की यात्रा में
साथ साथ मेरे भटकती रहती है
तब तक
जब तक
सूरज आकाश में है
अस्त होते ही
जीवन से नाता तोड़कर
विलुप्त हो जाती है !
संपर्क-A-न्यू 14/134, बैरागढ़, भोपाल-462030