
मगर जालम सिंह का पार्टी में विरोध हें। शिव में तेरह अन्य दावेदार हें जिसमे राजेंद्र सिंह भियांड ,मुराद अली म्रेहर ,हरी सिंह सोढा ,रूप सिंह ,स्वरुप सिंह ,प्रमुख हें। इन लोगो ने वसुंधरा राजे को जालम सिंह के अलावा किसी को टिकट देने की मांग की। थी वसुंधरा राजे अल्पसंख्यको को भाजपा से जोड़ने के लिए सियासी दांव खेल सकती हें। पहली बार अल्पसंख्यक उम्मीदवार उतार मुसलमानों को रिझाने की पहल से इंकार नहीं किया सकता। मुराद अली मेहर सशक्त दावेदार हें। हालांकि शिव में मुस्लिमो का बड़ी तादाद में भाजपा के जुड़ना अमिन खान के लिए सिरदर्द साबित हो रहा हें।इतना ही नहीं अमिन खान के गाँव के कई लोग भाजपा का दामन थाम चुके हें। जो अमिन के लिए बड़ा झटका था।
जालम सिंह रावलोत को स्वयं सेवक संघ का उम्मीदवार माना जाता हें ,जालम सिंह की कांग्रेस नेताओ से नजदीकियों की खबरों से संघ नाराज़ चल रहा हें। भाजपा प्रदेश अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के विश्वास पात्रो की सूचि से जालम सिंह बाहर हें। भाजपा के पास विकल्प नहीं हें। कांग्रेस और भाजपा नए दावेदारों पर दांव लगाने के इच्छुक हें मगर दोनों जीत के प्रति आश्वस्त नहीं हें। इसीलिए कांग्रेस और भाजपा दोनों को उतार दे तो कोई आश्चर्य नहीं। यह संभावना भी प्रबल हें की दो नए चहरे उतारे।

शिव में भाजपा की टिकट उसी को मिलेगी जो पूर्व सांसद मानवेन्द्र सिंह चाहेंगे। वसुंधरा राजे ने शिव की टिकट मानवेन्द्र सिंह पर छोड़ दी हें। वहीं अमिन खान का प्रयास हें खुद की टिकट कटे तो जिला अध्यक्ष फ़तेह खान या उनके पुत्र शेर खान को टिकट दी जाए। अमिन खान की बाड़मेर के जाट नेताओ से दुरी उन्हें भारी पड सकती हें।
समीकरण जातिगत- .शिव विधानसभा में मुस्लिम मेघवाल जात गठबंधन कांग्रेस के साथ रहा हें ,राजपूत और अन्य समाज भाजपा के साथ। शिव में 53000 मुसलमान ,34000 अनुसूचित जाति 20000 रावना राजपूत ,22000 राजपूत ,28000 जाट ,10000 अनुसूचित जन जाति ,8000 कुम्हार ,5000 पुरोहित 4000 चारण प्रमुख मतदाता हें।
शिव विधानसभा में 470 गाँव ,74 ग्राम पंचायते ,8 राजस्व मंडल और 74 पटवार मंडल शामिल हें। चौहटन का बिजराड राजस्व वृत्त शिव में शामिल हें
अब तक हुए दस विधानसभा चुनावो में कांग्रेस छह बार ,भाजपा दो बार ,जनता पार्टी दो बार जीती हें।