जिंदगी की बढ़ती आपाधापी और निरंतर व्यस्त हो रही दुनिया में धर्म और रोज-ब-रोज के रिवाजों का ध्यान रखना कोई आसान काम नहीं रह गया है। मुस्लिमों के लिए पवित्र रमजान कामहीना शुरू हो चुका है और इस बार रोजेदारों के लिए समय का ध्यान रखना आसान हो गया है।रोजा शुरू करने से लेकर इफ्तारी तक का सही समय अब उन्हें प्रौद्योगिकी से मुहैया है।
ये एप्लीकेशन ज्यादातर गूगल एप्स स्टोर पर मुहैया हैं। इसमें अलार्म की सहूलियत तो है ही, यह ‘दुआ’ पढ़ने में भी मदद करता है। एक एप्लीकेशन ‘रमजान 2014 एवं नमाज का समय’ है। उन्होंने कहा कि इससे उनके इफ्तार, सहरी के साथ ही साथ नमाज का वक्त चूकने का कोई चांस ही नहीं। गुड प्लेस्टोर में एक और अप्लीकेशन मौजूद है। यह है पवित्र महीने के लिए आवश्यकतानुसार तैयार किया गया ‘दुआ’ का सार-संग्रह। इसे एक बार डाउनलोड करने के बाद उसे कहीं भी और किसी भी समय पढ़ा जा सकता है। ये लंबी और दुरूह ‘तराबी’ का विकल्प भी है। तराबी के लिए कई पेशेवरों के पास समय नहीं होता है।
सरकारी नौकरी करने वाले एक मुलाजिम ने इस तरह के अप्लीकेशनों की ‘बेशुमार उपयोगिता’ का जिक्र करते हुए कहा कि फाइलों से जूझते हुए और यहां तक कि गाड़ी चलाते हुए वे उन्हें सुन सकते हैं क्योंकि अपनी नौकरी की व्यस्तताओं के चलते वे मस्जिद में होने वाली नमाज में शामिल नहीं हो सकते।
प्रमुख धर्मगुरु मौलाना इरफान मियां फिरंगी महली ने कहा कि इस तरह के एप्लीकेशन ‘इस्लाम के खिलाफ’ नहीं है। लेकिन उन्होंने यह भी सचेत किया कि इसका इस्तेमाल करने वाले यह तय कर लें कि दुआ एकदम सही हैं और पवित्र कुरान के मुताबिक हैं। मुस्लिम युवाओं के व्यस्त जीवन का ध्यान रखते हुए उन्होंने कहा कि इससे न केवल समय बचता है बल्कि यह अपने हाथ में भी होता है।
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