L.P.G.गैस सिलेण्डर की भी “एक्सपायरी डेट” होती है

rasoi gaisएक्सपायरी डेट निकलने के बाद गैस सिलेण्डर
को इस्तेमाल करना बम की तरह खरतनाक
हो सकता है। आमतौर पर गैस सिलेण्डर
की रिफील लेते समय उपभोक्ताओं का ध्यान इसके
वजन और सील पर ही होता है।
उन्हें सिलेण्डर की एक्सपायरी डेट
की जानकारी ही नहीं होती।
इसी का फायदा एलपीजी की आपूर्ति करने
वाली कंपनियां उठाती हैं और धड़ल्ले से
एक्पायरी डेट वाले सिलेण्डर रिफील कर हमारे
घरों तक पहुंचाती हैं।
यहीं कारण है कि गैस सिलेण्डरों से हादसे होते हैं।
~कैसे पता करें एक्सपायरी डेट~
सिलेण्डर के उपरी भाग पर उसे पकड़ने के लिए गोल
रिंग होती है और इसके नीचे तीन पट्टियों में से
एक पर काले रंग से सिलेण्डर की एक्सपायरी डेट
अंकित होती है। इसके तहत अंग्रेजी में A, B, C
तथा D अक्षर अंकित होते है तथा साथ में दो अंक
लिखे होते हैं।
A अक्षर साल की पहली तिमाही (जनवरी से
मार्च),
B साल की दूसरी तिमाही (अप्रेल से जून),
C साल की तीसरी तिमाही (जुलाई से
सितम्बर)
तथा
D साल की चौथी तिमाही अर्थात अक्टूबर से
दिसंबर को दर्शाते हैं।
इसके बाद लिखे हुए दो अंक एक्सपायरी वर्ष
को संकेत करते हैं।
यानि यदि सिलेण्डर पर A 11 लिखा हुआ
हो तो सिलेण्डर की एक्सपायरी मार्च 2011 है।
इस सिलेण्डर का “मार्च 2011” के बाद उपयोग
करना खतरनाक होता है।
इस प्रकार के सिलेण्डर बम की तरह कभी भी फट
सकते हैं। ऐसी स्थिति में उपभोक्ताओं
को चाहिए कि वे इस प्रकार के एक्सपायर
सिलेण्डरों को लेने से मना कर दें
तथा आपूर्तिकर्त्ता एजेंसी को इस बारे में सूचित
करें।
आपकी किसी भी तरह की बीमारी, परेशानी, शंका और निशुल्क सलाह के लिये संपर्क करें.

ड़ां० फरमान अहमद
ड़ां० फरमान अहमद

ड़ां० फरमान अहमद
फाऊन्डर एवं चैयरमेन ऑफ द फ्रैंक फैमिली ट्रस्ट रजि०
मेरा व्हाटस्प नं०- +919760061005
Website:- www.frankfamilyworld.org
[email protected]

error: Content is protected !!