फादर्स डे प्रति वर्ष जून महिने के तीसरे रविवार को बनाया जाता है|इस वर्षफादर्स डे रविवार 21 जून 2015 को बनाया जायेगा|विदेशो ( अमेरिका सहित कई अन्य देशों ) के साथ साथ भारत में भी खासकर युवा वर्ग फादर्स डे को धूमधाम से बनाने लगा है|
बच्चों के लालनपालन,परवरिश,शिक्षा आदि में मां के योगदान के साथ साथ पिता का योगदान भी उतना ही महत्त्वपूर्ण होता है|पिता बालक के लिये एक सच्चा दोस्त,पथ प्रदर्शक,गाइड एवं,टीचर भी होता है | हर पिता अपने बेटे बेटियों को जीवन में आने वाली बाधाओंका सामना करने के काबिल बनाता है,उनकी शिक्षा के लिये भरपूर प्रयास करता है,उन्हें अच्छे-बुरे का भेद समझाता है | हर पिता अपने खुद की सुख ,सुविधाएँ का त्याग कर अपनी क्षमताओं के अनुसार अपने बच्चों की हर डिमांड को पूरा करने का हर संभव प्रयास करता है | निसंदेह हम सभी के जीवन निर्माण में हमारे पिता का योगदान अमूल्य है|इस धरती पर पिता भगवान् के दुवारा भेजे गये देव दूत ही होते हैं | हमारी संस्क्रति में तीन प्रकार के ऋण यथा राष्ट्रऋण, पित्रऋण और गुरु ऋण का उल्लेख किया जाता है एवं हर इन्सान से यह अपेक्षा की जाती है कि वह अपने सुक्रत्यों से इन तीनों ऋण से ऊऋण होने का भरपूर प्रयास करें | बच्चें अपने पिताजी के कर्ज से अपने आपको कभी भी मुक्त नहीं कर सकते हैं,. इसे पित्रऋण कहा जाता है | हम सभी को पित्रऋण को चुकाने के लिये हर मुमकिन कोशिश करनी चाहिए तथा उनकी सुख-सुविधाओं का ध्यान रख उनकी देख भाल करनी चाहिए |
फादर्स डे यापिता एवं पितृ तुल्य व्यक्तियों के सम्मान का दिवसकेवल पिताजी का ही नहीं वरण दादाजी,नानाजी पड दादाजी,पडनानाजी एवं समस्त पितृ तुल्य स्वजनों,परिचितों के प्रति सम्मान-आदर व्यक्त्त करने का दिवस है | फादर्स डे पर पिताजी, दादा , नाना और समस्त पितृ तुल्य पुरुषों के प्रति क्रतज्ञता प्रकट कर उनका सम्मान किया जाता है|फादर्स डे पर युवा-युवतियां,बेटे-बेटियां अपने बुजुर्ग पिता और समस्त पितृ तुल्यों के प्रति उनकी सेवाओं,योगदान,मार्गदर्शन को याद कर अपना आभार और क्रतज्ञता व्यक्त्त करते हैं तथा उन्हें विभिन्न प्रकार के उपहार-गिफ्ट्स देते हैं,इन उपहारों में उनके काम की वस्तुये होती है | फादर्स डे पर पिताजी, दादाजी,नानाजी पड दादाजी,पडनानाजी एवं समस्त पितृ तुल्य स्वजनों और परिचितों को ग्रीटिंग्स कार्ड्स एवं धन्यवाद (थैंक यू ) कार्ड्स भी दिए जाते हैं|फादर्स डे यापिता एवं पितृ तुल्य व्यक्तियों के सम्मान दिवस पर इनको बाहर सैर सपाटे के लिये ले जाते हैं, उनके साथ समय बिता कर उन्हें विश्वास दिलाया जाता है कि वे अकेले नहीं हैं |
फादर- पिता(पापा- डेडी ) का बच्चों के जीवन निर्माण में योगदान की महत्ता का विवेचन कविता के माध्यम दुवारा—–
प्यारेपापासच्चेपापा,बच्चोंकेसंगबच्चेपापा |करतेहैंपूरीहरइच्छा,मेरेसबसेअच्छेपापा |
पापा ने ही तो सिखलाया,हर मुश्किल में बन कर साया|जीवन जीना क्या होता है,जब दुनिया में कोई आया|
उंगली को पकड़ कर सिखलाता,जब पहला क़दम भी नहीं आता|नन्हे प्यारे बच्चे के लिए,पापा ही सहारा बन जाता|
जीवन के सुख-दुख को सह कर,पापा की छाया में रह कर|बच्चे कब हो जाते हैं बड़े,यह भेद नहीं कोई कह पाया|
दिन रात जो पापा करते हैं,बच्चे के लिए जीते मरते हैं|बस बच्चों की ख़ुशियों के लिए,अपने सुखो को हरतेहैं|
पापा हर फ़र्ज़ निभाते हैं,जीवन भर क़र्ज़ चुकाते हैं|बच्चे की एक ख़ुशी के लिए अपने सुख भूल ही जाते हैं|
फिर क्यों ऐसे पापा के लिए,बच्चे कुछ कर ही नहीं पाते|ऐसे सच्चे पापा को क्यों,पापा कहने में भी सकुचाते|
पापा का आशीष बनाता है,बच्चे का जीवन सुख दाई ,पर बच्चे भूल ही जाते हैं ,यह कैसी आँधी है आई|
जिससे सब कुछ पाया है,जिसने सब कुछ सिखलाया है|कोटी कोटी नमन ऐसे पापा को,जो हर पल साथ निभाया है|
जोप्यारे पापा के प्यार भरे ,सीने से जो लग जाते हैं|सच कहती हूँ विश्वास करो जीवन में वें सदा सुख पाते हैं——————-–सुलेखा.कॉम
फादर्स डे के सम्बंध में कुछ महत्त्वपूर्ण कोटेशन्स (उद्दबोधन)
मुझे मेरे पिता से सबसे अमूल्य उपहार मिला जो कोई किसी व्यक्ति को दे सकता है और वो था उनका मुझमें अटूट भरोसा एवं विश्वास—–अज्ञात पिता अपने बच्चों को सही खेल (Game )सही तरीके से सही समय पर खेलने की सही सीख सिखाता है—अज्ञात
पापा सबसे स्पेशल हैं क्यों कि जब कभी हमें तकलीफ होती है तो वो हमारा हाथ पकड़ कर हमें सहारा देते हैं एवं हिम्मत देते हैं,जब कभी हम जानें-अनजाने में नियमों का उल्ल्घन करते हैं तो वे हमें ड़ाटते-फटकारते हैं,जब कभी हमें सफलता मिलती है उस क्षण गर्व से उनका सीना 56 इंच चोडा हो जाता है एवं उनका चेहरा चमक उठता है——–अज्ञात
बचपन में हर किसी को सबसे ज्यादा अपने पिता के सरक्षण एवं मार्गदर्शन की जरूरत होती है—अज्ञात
हमें अपने आप को पिता के प्रेम के योग्य बनाना है—–रोबर्ट फ्रॉस्ट
जिसने नींद अपनी भुला कर सुलाया हमको,जिसने आंसू अपने गिरा के हंसाया हमको|दर्द कभी न देना उस खुदा की तस्वीर को,जमाने में बाप कहते हैं जिसको—–अज्ञात
मेरे खुदा तेरा शुक्रिया,मेरे खुदा तेरे करम,मेरे अब्बू की मोहब्बत सबसे बढी,यह दुआ कर रहें हैं कि उसकी रहम सदा हम पर रहें ——–अज्ञात
मेरे पिता ने कहा था कि संसार में दो तरह के लोग होते हैं यथा देने वाले और लेने वाले,हो सकता है लेने वाले बढ़िया खा लें,लेकिन देने वाले हमेशा अच्छी तरह सोते हैं—–मार्लो थोमस
किसी ने पूछा वो कोन सी जगह है जहाँ हर गलती,हर जुर्म और हर गुनाह माफ़ हो जाता है?नन्हा बच्चा मुस्कराया और बोला मेरे पापा का दिल—-अज्ञात
अपनी जुबान की तेजी उनके लिये इस्तमाल मत करो जिसने तुम्हें बोलना सिखाया,
अपनी काबलियत का मुजायरा उस पर ना करो जिसने तुम्हें रास्ता दिखाया—-अज्ञात
धरती पर परमात्मा दुवारा भेजे गये देवदूत का नाम है पिता (फादर)
सम्पादन एवं सकंलन — डा. जे.के गर्ग
सन्दर्भ—–विकीपीडिया,सुलेखा. कॉमएवं मेरी डायरी के पन्ने आदि |
