आइये जानिए सूर्य के तुला राशि में गोचर का प्रभाव

पंडित दयानन्द शास्त्री
पंडित दयानन्द शास्त्री
( 17 अक्टूबर 2015से लेकर 17 नवंबर 2015 तक सूर्यदेव रहेंगे नीच राशि में )
हमारा वेदिक ज्योतिष जो ज्ञान हमें देता है वो संसार की कोई विधा नही दे सकती फिर वो चाहे अपनी निजी जन्मपत्रिका के विषय में हो या सम्पूर्ण वातावरण के बारे में हो , जहां ज्योतिष के माध्यम से हम अपनी व्यक्तिगत सफलता या असफलता के बाए में जान सकते हैं वहीं गोचर हमे कहीं विस्तृत जानकारी देने में सक्षम है ।
जानिए सूर्य देव के गोचर को —-
सूर्य देव पिछले तीस दिन कन्या रशि में रहें है जहां उनका मेल बुध और राहु के साथ था / सूर्य और राहु की युति को सूर्य ग्रहण दोष माना जाता है जिसका व्यापक प्रभाव देश में देखने को मिला की सूर्य यानी सरकार के लिए मुश्किल भरे दिन रहे / देश में सम्प्रदायिक तनाव , साहित्यकारों का पुरस्कार वापसी , बुध और राहु के कारण क्रय विक्रय ठप्प दालों और प्याज जैसी रोज़मर्रा की वस्तु का महंगा होने से सूर्य यानि सरकार की फजीहत ।
पंजाब जिसकी राशि ही कन्या बनती है, में गुरु ग्रन्थ साहिब जी का अपमान संभावित ।। बादल सरकार की फजीहत पूरे विश्व में हो रही है ।
अब 17 अक्टूबर 2015 से सूर्य भले ही राहु के पंजे से निकल कर तुला राशि में आ गए हैं परन्तु शुद्ध अवस्था में नही पहुंच सके हैं क्योंकि यहां सूर्य ईच हो जाते हैं यानी सरकारों और बड़े अफसरों तथा मंत्रियों पर से खतरा अभी टला नही है क्योंकि नीच सूर्य सीधा सीधा अफसरों की वर्दी पर दाग लगवा देता है वो चाहे खाकी हो या खादी ।
विशेष— अगले माह यानी 17 नवंबर 2015 संक्रांति के रोज़ अपनी नीच राशि तुला से निकल कर वृश्चिक राशि में पहुंच जायेंगे तो ज्योतिष के साधारण फलादेश अनुसार मित्र मंगल के घर में मजबूत हो जायेंगे परन्तु नही क्योंकि वृश्चिक राशि में सूर्य के घोर विरोधी शत्रु शनिदेव का कब्ज़ा है इसलिए 17 नवंबर 2015 से 17 दिसंबर 2015 तक वृश्चिक राशि में सूर्य और शनि का युद्ध होगा तो संसार को और भी परेशानी झेलनी पड़ जाएगी ।
यानी 17 सितमबर 2015 से लेकर 17 दिसंबर 2015 तक सूर्य देव जो की ग्रह राज माने जाते हैं, वे स्वयं ही 90 दिन पीड़ित अवस्था में रहेंगे जिसका व्यापक प्रभाव जहां देश और समाज में तो देखने को मिल ही रहा है वहीं हमे अपनी निजी जन्मकुंडली के पन्ने भी देख लेने चाहिए क्योंकि जिनकी जन्मपत्रिका में सूर्य की महादशा या अंतर्दशा हुई / सूर्य नेछ हुआ / सूर्य और शनि का पितृ श्राप हुआ / सूर्य और राहु का ग्रहण दोष हुआ ,, उन्हें अपने कारोबार , नौकरी से हाथ धोना पद सकता है , इनकम टैक्स या किसी भी अन्य विभाग की गाज़ सहनी पड़ सकती है ।।। अफसरों के लिए कलंक और नेताओं के लिए अपमानित होने के योग हैं ।
घरों में पिता पुत्र में विवाद होने के आसार हैं , घर निकाला उन पुत्रों को भी सहना पड़ सकता है जो नशा करते हैं या घरेलू विवाद में फसे हुए हैं ।
जानिए आपके लग्न अनुसार सूर्य देव के गोचर का फल ( 17 अक्टूबर 2015 से 17 नवम्बर 2015 तक )—-
मेष— वैवाहिक विवाद / कमर से नीचे परेशानी संभव।।
वृष —- शत्रु पर हावी रहेंगे / पेट में तकलीफ संभव।।
मिथुन — संतान संबंधित परेशानी / पेट में कोई रोग संभावित।।
कर्क– – माता , भूमि , वाहन से परेशानी / सीने या छाती में परेशानी संभव।।
सिंह — भाइयों से विवाद , मित्रों से झगड़ा / कंधों में तकलीफ संभव।।
कन्या – –ससुराल से विवाद , धन हानि / दांतों में तकलीफ संभव।।
तुला — मानसिक परेशानी , प्रयास असफल / सर में दर्द ,आधासीसी या माइग्रेन का प्रभाव।।
वृश्चिक —- अचानक धनहानि , अपमान / आँखों में तकलीफ संभावित।।
धनु —- लाभ मिलते मिलते नुक्सान / कानो में तकलीफ संभव।।
मकर —-व्ययापार नौकरी से छुट्टी / जांघों में दर्द या चोट संभव।।
कुम्भ —- भाग्य मंदा , यात्रा करने से हानि / टांगों में तकलीफ ।।
मीन —- भयंकर दुर्घटना या हादसा होने के योग ।। सम्भल कर रहें / गुप्त अंगों में परेशानी संभव।।

error: Content is protected !!