22 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में हमारे बैठने की व्यवस्था पहले से तय थी , राष्ट्रपति महोदय और मेनका गांधी जी के 1 नं के अंडाकार टेबल के चारो ओर 12 टेबल और लगे हुए थे , मेरे बैठने की व्यवस्था 11 नं टेबल पर थी , जिसमें हम पांच वूमेन एचीवर्स के साथ WCD के तीन सदस्य , ईटीवी हिंदी और उर्दु के प्रमुख जगदीश चंद्र जी और दो मेहमान थे, हमारे साथ बैठे रोहतक से आए डॉक्टर जोगिन्द्र पाल चुग जी की पत्नी Renu Chugh , एजुकेशन के क्षेत्र से ही वूमेन एचीवर थी , टेबल नं 6 पर थी। दिल्ली के डीपीएस से रिटायर हो चुकी तमन्ना सपेशल स्कूल की फाउंडर , पेसिडेंट , एजुकेशन के क्षेत्र की ज्यूरी मेम्बर श्रीमती श्यामा कोना हमारे टेबल के बगल में ही टेबल नं 10 पर बैठी हुई थी। इस व्यवस्था के बारे में हमें राष्ट्रपति भवन में जाने से पूर्व ही मालूम हो चुका था। खाने से पहले श्रीमती मेनका गांधी ने हम 100 एचीवर्स की सराहना करते हुए हमें शुभकामनाएं दी। खाना शुरू हुआ, खाने के दौरान नौसेना की विशेष धुन बजती रही। खुद को विशेष अनुभव कराता हुआ आधे पौन घंटे का समय कैसे व्यतीत हो गया, पता भी न चला, सिर्फ यादें ही शेष रह गई।
ज्योतिष के क्षेत्र में जीवन भर काम करती हुई , इस क्षेत्र में मौजूद सभी अंधविवश्वासों पर चोट करती हुई ,अपने पिताजी श्री विद्या सागर महथा जी के द्वारा विकसित की गई ज्योतिष की नई शाखा ‘गत्यात्मक ज्योतिष’ के बारे में जानकारी प्रदान करती हुई इतने वर्षों से इंटरनेट में नियमित लिखने का पूरा पूरा फायदा मुझे मिल गया, यह पुरस्कार समाज के बीच मुझे एक नई पहचान देने में समर्थ हुआ है , जिसके फलस्वरूप जीवन में एक मोड की संभावना प्रशस्त हुई है , जो समाज से अंधविश्वास का खात्मा कर ज्योतिष को विज्ञान के रूप में स्थापित कर सकता है, इसके लिए भी आप सबों का सहयोग अपेक्षित है।
