3. भड़केश्वर महादेव तो एक टापू पर है जहां जाने के लिए अब पक्का पुल बना दिया है. हर जगह समुद्री हवाओं की महक, लहरों का शोर और उस जगह का शांत माहोल मन पर छाया जा रहा था. समद्र के किनारे पानी के थपेड़ों से पत्थर की चट्टानें अलग अलग रंग की परतों में बहुत खूबसूरत दिख रही थीं. इनमे सिल्वर, गोल्ड, पीला, हरा आदि कई रंग परत दर परत दूर से ऐसे लग रहे थे मानो पानी भी बच्चों की तरह लहरा लहरा कर जाने अनजाने में अपने अन्दर के इन रंगों से कुछ कला कृति बनाने की कोशीश कर रहा है.
dr. ashok mittal