युगप्रवर्तक कर्मयोगी महाराजा अग्रसेन—-Part 7

मैनेजमेन्ट गुरु-महाराजा अग्रसेन

डा. जे.के.गर्ग
डा. जे.के.गर्ग
महाराजा अग्रसेन ने अपने विशाल परिवार को हमेशा एकता के सूत्र मे बाधे रखा | वे एक महान मेनेजमेंट गुरु थे | महाराजा अग्रसेन ओर मातामाधवी ने अपने सभी 18 पुत्रों को श्रेष्ठतम संस्कार प्रदान किये थे | हम सभी को महाराजा अग्रसेन को अपना रोल मोडल बना कर उनका अनुसरणकरना चाहिये |
भारतवर्ष की प्रगति में अग्रवंशियों का योगदान :—-एक सर्वे के अनुसार भारतवर्ष की कुल इनकम टैक्स का 24% से अधिक हिस्सा अग्रसेन के वंशजो का हैं। कुल सामाजिक एवं धार्मिक दान में 62%हिस्सा अग्रवंशियों का है। भारत में लगभग 50,0000 मंदिर व तीर्थस्थल, 16,000 गौशालाओं में से 12,000 अग्रवंशी वैश्य समुदाय द्वारासंचालित है। भारत के विकास में 25% योगदान भगवान अग्रसेन के वंशजो का ही हैं, जिनकी जनसंख्या देश की जनसंख्या के 1% से भी कम है।अपनी अदभुत प्रतिभा एव श्रेष्ठ मेनेजमेंट स्किल की वजह से सभी अग्रवाल देश- विदेश मे शक्तिवान, धनवान, संस्कारित, उच्च इन्सान के रूप मेजाने जाते है, देश सेवा मे अग्रवालों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है सुप्रसिद्ध लेखक भारतेंदु हरिश्चंद्र, ने1871 में”अग्रवालों की उत्पत्ति” नामक प्रामाणिक ग्रंथ लिखा है, जिसमें विस्तार से इनके बारे में बताया गया है।
भारत सरकार द्वारा सम्मान —-सन 1915 में भारत सरकार ने दक्षिण कोरिया से 350 करोड़ रूपये मे एक विशेष तेल वाहक पोत (जहाज) खरीदा, जिसका नाम “भगवानअग्रसेन” रखा गया। जिसकी क्षमता 1,80,0000 टन है। राष्ट्रीय राजमार्ग -10 का आधिकारिक नाम भगवान अग्रसेन पर है। अग्रसेन की बावली,जो दिल्ली के कनॉट प्लेस के पास हैली रोड में स्थित है। यह 60 मीटर लम्बी व 15 मीटर चौड़ी बावड़ी है, जो पुरातत्वीय स्थल और अवशेषअधिनियम 1958 के तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की देखरेख में हैं। सन 2012 में भारतीय डाक अग्रसेन की बावली पर डाक टिकट जारी कियागया।
संकलनकर्ता डा. जे. के. गर्ग—डा. श्रीमती विनोद गर्ग

error: Content is protected !!