यूँ पाये छुटकारा टेंशन से ?——Part-2

डा. जे.के.गर्ग
डा. जे.के.गर्ग
तनाव से बचने एवं तनाव पर नियन्त्रण रखने के प्रभावी और अचूक तरीके:——
खीझ से बचें और झल्लाना छोड़ें:——-
खींझ आपके चिडचिडेपन को ही बढ़ायेगी | आपके चिडचिडेपन की आदत से परेशान होकर लोग आपको पसंद नहीं करेगें, आपसे दूर-दूर रहेगें जिससे आप फालतू ही क्रोधित हो तनावग्रस्त हो जायेगें | छोटी-मोटी बातों पर झल्लाना छोड़ें | आप इस तथ्य को स्वीकार करें कि” गलती होना मानवीय स्वभाव है “ हर छोटी-मोटी बातों एवं गलतीयों पर ध्यान न दें, उन्हें इग्नोर करें अन्यथा इन्हीं के भ्रम जाल उलझते जायगें | मान कर चलें कि अगर हर बात में हस्तक्षेप करेगें तो आप खुद ही तनाव ग्रस्त हो जायेगें और प्रतिकिर्याशील भी | सदेव सकारात्मक रुख अपनाते हुए केवल उन्हीं बातों पर ध्यान दें जिनके परिणाम सार्थक एवं शांतिमूलक हों |
शांतिपूर्ण जीवन जियें, धीरज रक्खें और जल्दबाजी भी नहीं करें:——
याद रक्खें “ रास्ता वो ही पार करते हैं जो आहिस्ता-आहिस्ता चलते हैं, ठोकर खाकर वही गिरते हैं जो तेज दोड़नें की जल्दबाजी करते हैं “जल्दबाजी तनाव का कारण तो बनता ही है और साधारणतया काम पूरा होने मे अधिक समय भी लगता है |
शांति से जीवन व्यापन की कला सर्वश्रेष्ट गुण है | आप सुबह शान्तिपूर्वक उठें, शांति से स्नान करें, वस्त्र पहनें एवं शान्ति से ही नास्ता तथा भोजन करें | अपने स्वजनों,मित्रों, सहकर्मियों एवं अन्य सभी परिचित–अपरिचित के साथ धैर्य तथा शान्तिपूर्वक व्यवहार करें | दुर्घटना उन्हीं के साथ घटा करती है जो जल्दबाज होते हैं |
प्रक्रति (नेचर) के सानिध्य में जियें :—-
प्रक्रति की अपनी एक प्रबन्धन ( मेनेजमेंट सिस्टम ) शैली है | वह अपने तरीके से विश्व का, हम सब प्राणीयों (मानव, पशु-पक्षी,वनस्पति आदि) का प्रबन्धन सुचारू रूप से करती है | याद रक्खें प्रक्रति और परमपिता परमात्मा की व्यवस्थाओं में विश्वास रखने वाला व्यक्ति भय,चिंता, भ्रम , क्रोध, ईगो एवं तनाव की बाँहों मे नहीं जकड़ता है | यह भी स्वीकार करें कि तनाव,क्रोध, भय, भ्रम और चिंता “आक्टोपस “ की मजबूत भुजाएँ हें |
डा.जे,के.गर्ग
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