तनाव मुक्ति के लिये इन उपायों को भी अपनी दिनचर्या का आवयश्क अंग बनाये:—-–
बीती –बीसरी बातों को याद नहीं करें, भूतकाल का चिन्तन नहीं करें और ना ही भविष्य की व्यर्थ की चिंता करें |
हमेशा अपनी शक्ती और क्षमता को अपने लक्ष्य पर ही केंर्द्रित करें |
जिस वस्तु या परिस्थीती को आप बदल नहीं सकते हैं उसको अपने मनमुताबिक बदलने की कोशिश नहीं करें, उसे उसी रूप में स्वीकार कर लें जिस रूप में वह है (Accept it, as it is) |
अपनी मन की भावनाओं-व्यथाओं को अपने घनिष्ट इस्ट-मित्रों के साथ साँझा करें, दुःख-दर्द, सुख को परस्पर बाटें, याद रक्खें कि बाटने से दुःख किसीआधा हो जाता है वहीं सुख और खुशी दुगुनी हो जाती है |
भूल जाओ और माफ़ करों की आदत डालें (Forgive and Forget ) |
नियमित रूप से घुमने (Walk) जायें | एक्सरसाइज-कसरत, योगा करें | इनडोर या आउटडोर गेम खेलें |
थोड़ा समय अपने खुद के लिये निकाले, रिलेक्ष करें, संगीत सुने, कॉमेडी के नाटक, चलचित्र देखें, बागवानी करें और अपने परिजनों से म्रदुल वार्तालाप करें, बच्चों के साथ मटरगश्ती करें |
मदिरा-तम्बाखू और का सेवन नहीं करें ना ही किसी भी प्रकार का नशा करें | संतोषी सदा सुखी के मंत्र की अनुपालना करें | हमेशा अच्छा देखें, अच्छा सुने, अच्छा बोलें, अच्छा कार्य करें और अच्छा सोचें |
डा.जे.के.गर्ग
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