जन-जन के नायक अटल बिहारी वाजपेयी —–पार्ट-2

डा. जे.के.गर्ग
डा. जे.के.गर्ग
लोकप्रिय वाजपेयीजी देश के चार प्रदेशों उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश और दिल्ली से सांसद चुने गये। अटलबिहारी तीन बार प्रधानमंत्री बने पहली बार 16-31 मई 1996, 1997 में दुबारा एवं 19 अप्रैल 1998 को पुनः तीसरी बार प्रधानमन्त्री बने | भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से अटलजी भी प्रमुख नेताओं में थे | उन्होंने लम्बे समय तक पत्रकारिता करते हुए राष्ट्रधर्म, पांचजन्य और वीर अर्जुन आदि अनेक पत्र-पत्रिकाओं के सम्पादक के रूप में कार्य किया। अटलबिहारी ने अपना सार्वजनिक जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर प्रारम्भ किया | अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल के दोरान परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों की संभावित नाराजगी की परवाह नहीं करते हुए राष्ट्र हित में 1998 में दुबारा परमाणु परीक्षण कर राजनेतिक परिपक्वता का परिचय दिया। स्मरणीय है कि उन्होंने इस परमाणु परीक्षण की अमेरिका एवं अन्य विकसित देशों की गुप्तचर एजेंसीयों को भनक तक नहीं लगने दी।
वाजपेयी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(एन.डी.ऐ) सरकार के पहले गैर काँग्रेसी प्रधानमन्त्री थे । विगत कई वर्षों से अपने गिरते स्वास्थ्य की वजह से भारतरत्न वाजपेयीजी वर्तमान राजनीति में सक्रिय नहीं हैं |
प्रस्तुतिकरण—डा. जे.के.गर्ग
सन्दर्भ—-विभिन्न पुस्तके, मेरी डायरी के पन्ने आदि
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