हिन्दु धर्म में पीपल का बहुत ही प्रमुख स्थान है । पीपल में 33 करोड़ देवी देवता का वास माना गया है । भगवान वासुदेव ने भी कहा है कि वृक्षों में मैं पीपल हूँ । पीपल में हमारे पितरों का भी वास माना गया है इसलिए श्राद्ध पक्ष में तो इसका और भी ज्यादा महत्व है ।
इसलिए गंगा / नदी तट नहीं होने की स्थिति पर पीपल के वृक्ष के चारों ओर दीप प्रज्वलित करके दक्षिण दिशा की ओर मुंह कर पितरों का सिमरन करते हुए उनकी विदाई करें।
वैसे तो पितृ पक्ष के श्राद्ध की महिमा अपार है इसके बारे में ज्यादा कुछ भी कहने की आवश्यकता नहीं है , लेकिन जो भी व्यक्ति अपने दिवंगत माता-पिता, दादी -दादा, परदादा, नाना, नानी आदि का इन 16 श्राद्धों में व्रत उपवास रखकर या श्राद्ध के दिन ब्राह्मण को पूर्ण श्रद्धा से भोजन कराकर दक्षिणा देते हैं,नित्य अपने पूर्वजों का तर्पण करते है उनके घर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी सदैव ही विराजमान रहती हैं। अर्थात वे सदैव ही सुख, सौभाग्य धन धान्य से परिपूर्ण रहते हैं। अत: इस धरती में सभी व्यक्तियों को इन दिनों में अपने कर्तव्यों का अवश्य अवश्य ही पालन करना चाहिए ।
जय माताजी की🙏💐
ऐस्ट्रो ज्योति दाधीच,तीर्थराज पुष्कर,राजस्थान।