पारिवारिक कर्तव्य के वनिस्पत राष्ट्रीय कर्तव्य ही था सर्वोच्च

राष्ट्रपति बनने पर भी उनका जनसाधारण एवं गरीब ग्रामीणों से निरंतर सम्पर्क बना रहा। वृद्ध और नाज़ुक स्वास्थ्य के बावजूद उन्होंने भारत की जनता के साथ अपना निजी सम्पर्कक़ायम रखा। वह वर्ष में से 150 दिन रेलगाड़ी द्वारा यात्रा करते और आमतौर पर छोटे-छोटे स्टेशनों पर रूककर सामान्य लोगों से मिलते और उनके दुःख दर्द दूर करने का प्रयासकरते।
Dr J. K. Garg