संत शिरोमणि गुरु रविदास Part 3

dr. j k garg
वाराणसी के लंका चौराहे पर एक बड़ा गेट है जो इनके सम्मान में बनाया गया है। ज्ञानपुर जिले के निकट संत रविदास नगर है जो कि पहले भदोही नाम से था अब उसका नाम भी संत रविदास नगर है।
रैदास कबीर के समकालीन हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह की पूर्णिमा के दिन गुरु रविदास जयंती मनाई जाती है। 9 फरवरी 2020के दिन रविदास जी की 643 वीं जयंती मनाई जा रही है।
अपने बचपन से ही रविदास जी परोपकारी और दयालु थे और दूसरों की सहायता करना उनका स्वभाव बन गया था। साधु-सन्तों की सहायता करने में उनको विशेष आनन्द मिलता था। रविदास साधू संतों को अपने हाथ से बने जूते मुफ्त में ही दे दिया करते थे | रविदास के अनूठे व्यवाहर से व्यथित और खिन्न होकर उनके पिता ने उन्हें और उनके परिवार को घर से निकाल दिया था |

संकलनकर्ता एवं प्रस्तुतिकरण—- डा. जे. के. गर्ग

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