वैशाखी पूर्णिमा पर आज करें हवन, मिलेगा पुण्य लाभ

आज वैशाखी पूर्णिमा है।

राजेन्द्र गुप्ता
सनातन संस्कृति में वैशाख मास का विशेष महत्व है। इन दिनों ग्रीष्म ऋतु अपने चरम पर होती है और गर्म हवाएं बहने से लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ जाती हैं। इस मास में जल का महत्व काफी बढ़ जाता है और जल की कमी के कारण जल के दान और जल के किफायत से उपयोग करने पर इसका महत्व काफी बढ़ जाता है। भविष्य पुराण, आदित्य पुराण में वैशाखी पूर्णिमा को अत्यंत पवित्र और फलदायी तिथि माना गया है। इस दिन पिछले एक महीने से चले आ रहे वैशाख स्नान और धार्मिक अनुष्ठानों की पूर्ण आहुति की जाती है। वैशाखी पूर्णिमा के दिन मंदिरों में हवन और पूजन का आयोजन किया जाता है। इसके साथ ही वैशाख मास के महात्म्य का परायण किया जाता है।

नदी सरोवर में स्नान का है विशेष महत्व
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वैशाखी पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। वैशाखी पूर्णिमा को गंगा स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिल जाती है। मान्यता है कि इस दिन धर्मराज के निमित्त जल से भरा हुआ कलश, पकवान और मिष्ठान का दान करने से गोदान के समान फल मिलता है। वैशाखी पूर्णिमा को शक्कर और तिल का दान करने से अनजाने में हुए पापों से भी मुक्ति मिल जाती है। पितृों के लिए पवित्र नदियों में स्नान कर हाथ में तिल रखकर तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और उनसे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

सत्य विनायक का व्रत भी रखा जाता है
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वैशाखी पूर्णिमा के दिन पांच या सात ब्राह्मणों को सत्तू, चीनी या गुड़ और तिल का दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन विष्णु मंदिर में घी, चीनी और तिलों से भरा पात्र दान करने से शीघ्र ही मनोकामनाएं पूर्ण होती है। वैशाखी पूर्णिमा को तिल और चीनी से हवन करने पर शुभ फलों की प्राप्ति होती है। वैशाख पूर्णिमा के दिन सत्य विनायक का व्रत रखने का भी विधान है। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने मित्र सुदामा को सत्य विनायक का व्रत रखने को कहा था। इसके बाद सुदामा की गरीबी दूर हुई थी।

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