राखी को मनाये बुजर्गों के सम्मान एवं के सुरक्षा दिवस के रूप में

dr. j k garg
रक्षा बंधन —जन चेतना सामाजिक सद्दभाव और सामाजिक क्रांति का माध्यम वर्तमान समय में जब हम समर्द्ध परिवार बुजुर्ग माताओं-पिताओं को अपना शेष जीवन जीने के लिये वृ्द्ध आश्रम जाते हुए देखते हैं तो उस समय हम सभी के दिल में दुःख और विषाद उत्पन्न होता है एवं ह्रदय कराह उठता है| इस समस्या का समाधान करने और माता-पिता के बुढ़ापे को सुखद बनाने हेतु हम रक्षा बंधन के पर्व का बेहतरीन तरीके से उपयोग कर सकते हैं | रक्षा बंधन के दिन प्रत्येक पुत्र-पुत्री, परिवार के सभी अनुज परिजन अपने अपने माता-पिता और अग्रजो की कलाई पर राखी बांध कर यह शपथ लें कि वें अपने माता पिता और परिवार के सभी बड़े-बूढ़े यथा माता-पिता, दादा-दादी,नाना-नानी आदि की सभी तरह से देख भाल करेगें,उनकी समस्त सुख सुविधाओं का ख्याल रखेंगे एवं उनके प्रति हर प्रकार के दायित्वों का निर्वाह निष्ठा पूर्वक करते हुए उनकी सेवा सुश्रुषा करेगें जिससे उनका शेष जीवन निर्विघ्न एवं सुखद बनें| यही शपथ एवं प्रण परिवार के बुजेगों का सुरक्षा कवच बनेगा |
अतः आइये ! इस रक्षाबन्धन के पर्व पर राष्ट्र रक्षा का संकल्प करें।सभी भारतीयों को एक दूसरे से रक्षा सूत्र में बांधे एवं राष्ट्र निर्माण तथा राष्ट्र कल्याण हेतु कार्य करने का सकंल्प भी करें| यदि आप इन विचारों से सहमति रखते हैं तो

HAPPY Raksha Bandhan to ALL

डा. जे. के. गर्ग

error: Content is protected !!