dr. j k gargद्रिकपंचांग डॉट कॉम के अनुसार,विक्रमसंवत् 2077 के भाद्रपद के क्रष्ण पक्ष की अष्टमी भगवान श्रीकृष्ण की 5247 वीं जयंती है। भगवान श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु का एक अवतार माना जाता है जिससे यह त्यौहार हिन्दुओं के लिए पूजा और उपासना की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है।जन्माष्टमी का यह पावन पर्व देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है जहाँ मथुरा, वृदांवन और यूपी एवं अन्य प्रान्तों कृष्ण-लीलाएं और रास-लीलाएं आयोजित की जाती हैं, वहीं महाराष्ट्र में माखन चोर कन्हैया की माखन की मटकीयां फोडी जाती है | भगवान क्रष्ण का सम्पूर्ण बचपन अनगिनत लीलाओं से भरा हुआ है | इसीलिए इस दिन झांकियों के जरिये भक्तजन उनके बाल जीवन को प्रदर्शित करने झाकियों का आनन्द लेते हैं | जन्माष्टमी के अवसर पर पुरूष व औरतें उपवास अर्चना- प्रार्थना करते हैं | मन्दिरों व घरों को सुन्दर ढंग से सजाया जाता है और विभिन्न मनमोहक झाकियां बनाई जाती हैं | जगह-जगह रासलीलायें होती है | मन्दिर घरों में विशेष पूजा-अर्चना- प्रार्थना एवम् धार्मिक आयोजन कियेजाते हैं |
क्रष्ण भक्त इस दिन व्रत रखते हैं अष्ठमी की रात 12 बजे भगवान का श्रीकृष्ण का संकेतिक रूप से जन्म होने पर व्रत का परायण करते हैं।