उनका पैतृक व्यवसाय जूते बनाने का था और उन्होंने इसे सहर्ष अपनाया। वे अपना काम पूरी लगन तथा परिश्रम से करते थे और समय से काम को पूरा करने पर बहुत ध्यान देते थे। निसंदेह रविदास जी ने साधु-सन्तों की संगति से पर्याप्त व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया था। रैदास नाम से प्रसिद्ध संत रविदास का जन्म सन् 1388 (इनका जन्म कुछ विद्वान 1398 में हुआ भी बताते हैं) को बनारस के सीर गोवर्धन में हुआ था में हुआ था। उनके जन्म स्थल पर एक भव्य मन्दिर स्थित है और उनकी जयंती के मौके पर यहां तीन दिन तक उत्सव मनाया जाता है। संकलनकर्ता एवं प्रस्तुतिकरण—- डा. जे. के. गर्ग