संत गुरु रविदास Part 3

dr. j k garg
वाराणसी में श्री गुरु रविदास पार्क है जो नगवा में उनके यादगार के रुप में बनाया गया है जो उनके नाम पर “गुरु रविदास स्मारक और पार्क” बना है | वाराणसी में पार्क से बिल्कुल सटा हुआ उनके नाम पर गंगा नदी के किनारे लागू करने के लिये गुरु रविदास घाट भी भारतीय सरकार द्वारा प्रस्तावित है |

वाराणसी के लंका चौराहे पर एक बड़ा गेट है जो इनके सम्मान में बनाया गया है। ज्ञानपुर जिले के निकट संत रविदास नगर है जो कि पहले भदोही नाम से था अब उसका नाम भी संत रविदास नगर है।

अपने बचपन से ही रविदास जी परोपकारी और दयालु थे और दूसरों की सहायता करना उनका स्वभाव बन गया था। साधु-सन्तों की सहायता करने में उनको विशेष आनन्द मिलता था। रविदास साधू संतों को अपने हाथ से बने जूते मुफ्त में ही दे दिया करते थे | रविदास के अनूठे व्यवाहर से व्यथित और खिन्न होकर उनके पिता ने उन्हें और उनके परिवार को घर से निकाल दिया था |

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