j k gargधार्मिक मान्यताओं के मुताबिक बसंत पंचमी को हीविद्या एवं बुद्धि की देवी माता सरस्वती का जन्म हुआ था। पौराणिक कथाओं के अनुसारऋतुराज बसंत के साथ धरती पर कामदेव और उनकी पत्नी देवी रति आते हैं और सभी मेंप्रेम और काम भावना जागृत करते हैं। ऐसा माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन कामदेवऔर देवी रति की पूजा करने से पति-पत्नी के प्यार में वृद्धि होती है और दोनों कारिश्ता मजबूत होता है। मान्यताओं के अनुसार कामदेवप्राणियों के अंदर प्रेम भावना जागृत करते हैं वहीं देवी रति श्रृंगार करने कीइच्छा को बढ़ाती हैं। हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक, कामदेवके धनुष से निकला बाण सीधा दिल पर लगता है। इस बाण के लगने से दिल प्रेम की भावनासे भर जाता है। इसीलिये बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती के साथ-साथ भगवान श्रीहरि विष्णु, कामदेवऔर रति का पूजन भी होता है | बसंत पंचमी के दिन माँ सरस्वती की पूजा अर्चना करकेउनसे जीवन में विद्या, बुद्धि, कलाएवं ज्ञान प्राप्त का वरदान मांगा जाता है |ऋतुराज बसंत का पर्व बसंत पंचमी Part1
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक बसंत पंचमी को हीविद्या एवं बुद्धि की देवी माता सरस्वती का जन्म हुआ था। पौराणिक कथाओं के अनुसारऋतुराज बसंत के साथ धरती पर कामदेव और उनकी पत्नी देवी रति आते हैं और सभी मेंप्रेम और काम भावना जागृत करते हैं। ऐसा माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन कामदेवऔर देवी रति की पूजा करने से पति-पत्नी के प्यार में वृद्धि होती है और दोनों कारिश्ता मजबूत होता है। मान्यताओं के अनुसार कामदेवप्राणियों के अंदर प्रेम भावना जागृत करते हैं वहीं देवी रति श्रृंगार करने कीइच्छा को बढ़ाती हैं। हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक, कामदेवके धनुष से निकला बाण सीधा दिल पर लगता है। इस बाण के लगने से दिल प्रेम की भावनासे भर जाता है। इसीलिये बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती के साथ-साथ भगवान श्रीहरि विष्णु, कामदेवऔर रति का पूजन भी होता है | बसंत पंचमी के दिन माँ सरस्वती की पूजा अर्चना करकेउनसे जीवन में विद्या, बुद्धि, कलाएवं ज्ञान प्राप्त का वरदान मांगा जाता है |