आईये संत रविदास के जन्म दिन पर जानें उनके जीवन में घटित प्रेरणादायक और चमत्कारिक घटनायें पार्ट 1

dr. j k garg
रविदास जी ने अपने एक ब्राह्मण मित्र की रक्षा एक भूखे शेर से की थी जिसके बाद दोनों मित्र बन गये। शहर के दूसरे ब्राह्मण इस दोस्ती से जलते थे सो उन्होंने इस बात की शिकायत राजा से कर दी। रविदास जी के उस ब्राह्मण मित्र को राजा ने अपने दरबार में बुलाया और भूखे शेर द्वारा मार डालने का हुक्म दिया। शेर जल्दी से उस ब्राह्मण लड़के को मारने के लिये लाया गया लेकिन गुरु रविदास को उस लड़के को बचाने के लिये खड़े देख शेर शांत हो गया और वापिस लोट गया | रविदास जी के चमत्कार से राजा और शिकायत करने वाला ब्राह्मण एवँ सभी दरबार में उपस्थित लोग बेहद शर्मिंदा हुए और वो सभी गुरु रविदास के अनुयायी बन गये।

अस्पृश्य होने के बावजूद भी जनेऊ पहनने के कारण ब्राह्मणों की शिकायत पर उन्हें राजा के दरबार में बुलाया गया। वहाँ उपस्थित होकर उन्होंने कहा कि अस्पृश्यों को भी समाज में बराबरी का अधिकार मिलना चाहिये क्योंकि उनके शरीर में भी दूसरों की तरह खून का रंग लाल होता और उनके अंदर भी पवित्र आत्मा होती है | संत रविदास ने तुरंत अपनी छाती पर एक गहरी चोट की और उस पर चार युग जैसे सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर और कलयुग की तरह सोना, चाँदी, ताँबा और सूती के चार जनेऊ खींच दिया। राजा समेत सभी लोग अचंभित रह गये और गुरु जी के सम्मान में सभी उनके चरणों को छूने लगे। राजा को अपने बचपने जैसे व्यवहार पर बहुत शर्मिंदगी महसूस हुयी और उन्होंने इसके लिये माफी माँगी।

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