चैत्र अमावस्या आज

चैत्र अमावस्या है इस बार बेहद खास, बन रहे हैं कई दुर्लभ योग
=================================

राजेन्द्र गुप्ता
हर माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या मनाई जाती है। हिंदू धर्म में हर माह में आने वाली अमावस्या का विशेष महत्व होता है। हर माह के नाम से ही उस अमावस्या को जाना जाता है और सभी अमावस्या का अपना अलग महत्व होता है। चैत्र माह में आने वाली अमावस्या को चैत्र अमावस्या के नाम से जानते हैं। अमावस्या के दिन पितृदोष से मुक्ति और पितरों का तर्पण, दान आदि किया जाता है।

इस बार चैत्र अमावस्या 1 अप्रैल, शुक्रवार की पड़ रही है। पितृदोष से मुक्ति के लिए ये दिन काफी महत्वपूर्ण होता है। इस बार की चैत्र अमावस्या काफी खास है, क्योंकि इस दिन कई दुर्लभ योग बन रहे हैं।

चैत्र अमावस्या शुभ मुहूर्त 2022
====================
चैत्र अमावस्या तिथि- 01 अप्रैल 2022, शुक्रवार के दिन है। हिंदू पंचाग के अनुसार चैत्र अमावस्या तिथि 31 मार्च दोपहर 12:22 मिनट से शुरू 01 अप्रैल को सुबह 11:53 मिनट पर समाप्त होगी।

चैत्र अमावस्या पर बन रहे हैं खास संयोग
============================
इस बार चैत्र अमावस्या पर कई दुर्लभ योग बन रहे हैं। इस दिन ब्रह्म योग के बाद इंद्र योग बन रहा है। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग के साथ रेवती नक्षत्र बी बन रहा है। इसलिए चैत्र अमावस्या का दिन हर किसी के लिए बेहद खास है।

ब्रह्म योग- सुबह 09:37 मिनट तक। इसके बाद इंद्र योग शुरू हो रहा है।

सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 10:40 मिनट से लेकर 2 अप्रैल सुबह 06:10 तक।

अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12:00 से 12:50 मिनट तक।

अमृत सिद्धि योग- सुबह 10:40 मिनट से 2 अप्रैल 06:10 मिनट तक।

चैत्र अमावस्या पूजन विधि-
==================
अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर दान आदि करें। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। अगर गंगा में स्नान संभव नहीं है, तो घर में ही स्नान वाले पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं। फिर भगवान सूर्यदेव को तांबे के लोटे में जल भरें और अर्पित करें। इसके बाद स्वच्छ वस्त्र, अनाज, फल आदि का दान करें। इस दिन पितरों का तर्पण किया जाता है। इससे पितर प्रसन्न होकर वंशजों को आशीर्वाद प्रदान करते है।

राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9611312076

error: Content is protected !!