हरियाली तीज से पहले सिंजारा पर क्या करती हैं महिलाएं
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देवी पार्वती को तीज माता कहा जाता है । हरियाली तीज भगवान भोलेनाथ और देवी पार्वती के मिलाप का प्रतीक है। इस दिन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करती है , साथ ही पूरे दिन व्रत रखकर देवी पार्वती के लोकगीत गाती है। सिंजारा या सिंधारा पर्व ज्यादातर पंजाबी, राजस्थानी और हरियाणवी महिलाओ का त्यौहार हैं और महिलाएं ये त्योहार मुख्यत मानती है लेकिन आजकल हर जगह तीज का त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता है ।
• सिंजारा पर महिलाएं नए कपड़े, नई चूड़ियां पहनती है और इसी दिन स्त्रियां अपने हाथ में मेहंदी लगाती है ।
• सिंजारा में महिलाएं अनेक पकवान जैसे घेवर , नारियल के लड्डू, साबूदाना खीर , हलवा , मठरी का मजा लेती है।
• इस दिन नव विवाहित महिलाएं अपने मायके जाकर यह त्यौहार धूमधाम से मनाते हैं और कुछ औरतें अपने ससुराल में रहकर भी तीज मनाते हैं । यह एक श्रृंगार दिवस है ।
• इस दिन पति, रिश्तेदारों से उपहार लेने का रिवाज है।
• तीज के दिन सभी महिलाएं मां पार्वती की मूर्ति मध्य में रखकर चारों तरफ एकत्रित होकर उनकी पूजा करती है। साथ ही जिन की शादी तय हो गई है वे कन्या भी तीज का व्रत रखती हैं और उन्हें अपना सिंजारा सास -ससुर से मिलता है ।
• यह भी माना जाता है कि शादी के बाद बहू का रक्षाबंधन में भी मायके से सिंजारा आता है। हरियाली तीज सावन के मौसम का मनचाहा त्यौहार होता है।
राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9611312076
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