हर वनस्पति घी को हम डालडा क्यों कहते हैं?

दोस्तो, नमस्कार। हम जानते हैं कि घी दो प्रकार के होते हैं, एक देषी, यानि गाय-भैंस के दूध से बने हुआ, दूसरा डालडा, यानि वनस्पति वस्तुओं से बना हुआ। वनस्पति वस्तुओं से बना हुआ घी आज कई कंपनियां अलग अलग ब्रांड से बनाती हैं, लेकिन बोलचाल में हम उसे डालडा ही कहत हैं।
असल में, डालडा एक ब्रांड नेम है, न कि हर वनस्पति घी का असली नाम। लेकिन चूंकि यह ब्रांड पहले मशहूर हुआ, तो लोगों ने हर प्रकार के वनस्पति घी को डालडा नाम से ही इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। इसे ब्रांड का सामान्य नाम बन जाना यानि जेनेरिक टेडमार्क कहते हैं। वस्तुतः डालडा ब्रांड की शुरुआत 1937 में हुई थी। इसे हिंडुस्तान यूनिलीवर ने बनाया। उस समय शुद्ध घी बहुत महंगा था, तो डालडा एक सस्ता विकल्प बनकर आया।एक तरह का हाइड्रोजेनेटेड वेजिटेबल ऑयल, जिसे वनस्पति घी कहा गया। डालडा नाम इतना पॉपुलर हुआ कि गांव-कस्बों में लोग किसी भी वनस्पति घी को डालडा कहने लगे, चाहे वह किसी और कंपनी का हो, जैसे रथ, सोना सिक्का, फॉर्चून इत्यादि।

error: Content is protected !!