युवतियों ने लिया झूलों का आनंद

प्रकृति की रिमझिम छटा में मनाया तीज पर्व
महिलाओं ने रखा व्रत, की गौरी शंकर की पूजा
03-हेमन्त साहू- ब्यावर। सावन मास में सुहागिनो के लिए तीज का विशेष महत्व है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को श्रावणी तीज कहते हैं। जनमानस में यह हरियाली तीज के नाम से जानी जाती है। यह मुख्यत: स्त्रियों का त्योहार है। इस समय जब प्रकृति चारों तरफ हरियाली की चादर सी बिछा देती है तो प्रकृति की इस छटा को देखकर मन पुलकित होकर नाच उठता है। जगह-जगह झूले पड़ते हैं। स्त्रियों के समूह गीत गा-गाकर झूला झूलते हैं। हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की तृतीय को हस्त नक्षत्र के दिन होता है। इस दिन कुमारी और सौभाग्यवती महिला गौरी शंकर की पूजा करती है.

हरियाली तीज पर महिलाए रखती हैं व्रत:-
02यह श्रावणी तीज,हरियाली और कजली तीज के रूप में भी मनायी जाती है यह त्यौहार मुख्यत: महिलाओं का त्यौहार है जिसमें महिलाएं उपवास और व्रत रखती हैं और मां गौरी की पूजा करती हैं. सावन के आते ही चारों ओर मनमोहक वातावरण की सुंदर छ्ठा फैल जाती है. श्रावण माह के शुक्ल पक्ष में तृतिया तिथि को महिलाएं हरियाली तीज के रुप में मनाती हैं इस समय वर्षा ऋतु की बौछारें प्रकृति को पूर्ण रूप से भिगो देती हैं. प्रकृति में हर तरफ हरियाली की चादर सी बिछी होती है और इसी कारण से इस त्यौहार को हरियाली तीज कहा जाता है. सावन की तीज में महिलाएं व्रत रखती हैं इस व्रत को अविवाहित कन्याएं योग्य वर को पाने के लिए करती हैं तथा विवाहित महिलाएं अपने सुखी दांपत्य की चाहत के लिए करती हैं. देश के पूर्वी इलाकों में इसे कजली तीज के रुप में जाना तथा अधिकतर लोग इसे हरियाली तीज के नाम से जानते हैं इस समय प्रकृति की इस छटा को देखकर मन पुलकित हो जाता है जगह-जगह झूले लगाते हैं, और स्त्रियों के समूह गीत गा-गाकर झूला झूलते हैं। शहर में तीज पर्व पर महिलाओं ने लहरिया पहनकर झूला झूलने का आनंद उठाया। वहीं सगाई के बाद कन्याओं के ससुराल से कपड़े, मिठाइयां अन्य सामग्री भेंट की गई। बाजार में घेवर अन्य मिठाइयों की भी खासी बिक्री रही। शहर के सुभाष उद्यान एवं निकट नीलकंठ महादेव में सावन तीज पर युवतियो ने मंगल गीत गाते हुए तीज त्यौहार को मनाया।

error: Content is protected !!